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Ayodhya : विवादित ढांचे का ताला खुलवाने के लिए राजीव गांधी नहीं, कांग्रेस जिम्मेदार : मणिशंकर अय्यर

Ayodhya : कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि अयोध्या (Ayodhya) में 1986 में विवादित ढांचे के गेट का ताला खुलवाने के लिए पूर्व पीएम राजीव गांधी नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अरुण नेहरू को ‘प्लांट’ करवाया था जो इसके पीछे थे। अय्यर अपनी किताब ‘द राजीव आइ न्यू एंड व्हाई ही वाज इंडियाज मोस्ट मिसअंडरस्टुड प्राइम मिनिस्टर’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे।

मणिशंकर अय्यर ने क्या कहा?

मणिशंकर अय्यर ने कहा कि अगर राजीव गांधी जिंदा रहे होते और पीवी नरसिम्हा राव के जगह पर पीएम होते तो विवादित ढांचा आज भी खड़ा होता। भाजपा को उचित जवाब दिया गया होता और उन्होंने भी वैसा ही कोई समाधान निकाला होता जैसा सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों बाद निकाला। अय्यर ने कहा कि राजीव गांधी कह रहे थे कि मस्जिद को बनाए रखो और मंदिर बनाओ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर बनाओ और मस्जिद कहीं और बनाओ। एक तरह से फैसला वही है जिस निष्कर्ष पर राजीव पहुंच रहे थे।

कांग्रेस नेतृत्व के फैसले की भी सराहना की

मणिशंकर अय्यर ने 22 जनवरी को रामलाल के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने के कांग्रेस नेतृत्व के फैसले की भी सराहना की। ताला खोलने के पीछे अरुण नेहरू का हाथ बताते हुए अय्यर ने कहा कि चूंकि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू लखनऊ के एक स्कूल में पढ़े थे, इसलिए रामजन्मभूमि का मुद्दा उनके दिमाग में था। इसलिए, उन्होंने एक गुमनाम से व्यक्ति वीर बहादुर सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित कराने के लिए पार्टी के भीतर अपनी ताकत का इस्तेमाल किया। सिंह ने सबसे पहले अयोध्या जाकर देवकी नंदन अग्रवाल (इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज) और अन्य से मुलाकात की। उन्होंने उनसे एक याचिका हासिल कर ली जिसके मुताबिक ताले न्यायिक आदेश से नहीं, बल्कि कार्यकारी आदेश से लगाए गए थे।

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