
Tussle in congress: कांग्रेस ने 10 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। लेकिन हाईकमान के इस फैसले से कांग्रेस के ही कई नेताओं ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया और प्रमोद कृष्णम ने 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाने के हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाए हैं।
‘राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहे कांग्रेस’
Tussle in congress: गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पोरबंदर से विधायक अर्जुन मोढवाडिया (Arjun Modhwadia) ने मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को राजनीतिक फैसले से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा की, “भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।”
‘भगवान राम को न मानने वाला नहीं हो सकता हिंदू’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने अपनी ही पार्टी को आईना दिखाते हुए सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा कि, ‘जो भगवान राम को नहीं मानते वो हिंदू हो ही नहीं सकते हैं। कांग्रेस में कुछ नेता हैं जिन्हें प्रभु राम से नफरत है। कांग्रेस के कुछ नेता हिंदू धर्मगुरुओं का भी अपमान करन चाहते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस हिंदू विरोधी या राम विरोधी पार्टी नहीं है लेकिन कुछ लोग हैं जिन्होंने इस तरह का फैसला करवाने में भूमिका अदा की है। निमंत्रण को स्वीकार ना करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है।
निमंत्रण ठुकराने के पीछे कारण
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण मिला था। लेकिन उन्होंने कल (11 जनवरी) समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने न जाने काकारण सपष्ट करते हुए राम मंदिर के उद्घाटन को BJP-RSS का कार्यक्रम बताया। उन्होंने बीजेपी पर आरोप भी लगाए की बीजेपी चुनावी फायदे के लिए राम मंदिर के अधूरे परिसर का उद्घाटन कर रही है।