Bihar: लालू और नीतीश ने बिहार को दी ‘मजदूर बनाने की फैक्ट्री’- प्रशांत किशोर

PK taunt on Lalu-Nitish

प्रशांत किशोर ने किया लालू नीतीश पर तंज।

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PK taunt on Lalu-Nitish: जन सुराज यात्रा के मुखिया प्रशांत किशोर ने लालू और नीतीश पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने बिहार के कई मुद्दों पर जनता से भी सवाल किए। उन्होंने लालू और नीतीश पर आरोप लगाते हुए कहा इनके तकरीबन 33 साल के शासन में बिहार में मजदूरों की फैक्ट्री लगी है। यहां बच्चा बड़ा होते ही मजदूरी में अपना शरीर गलाने को मजबूर है।

PK taunt on Lalu-Nitish: पूछा, आखिर बिहार में बन क्या रहा है…

प्रशांत किशोर ने कहा कि हम लोग जो बाइक चला रहे हैं। वो महाराष्ट्र और हरियाणा में बन रही हैं। वहीं कई इलैक्ट्रॉनिक आयटम जैसे टीवी, मोबाइल आदि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, अन्य राज्य और विदेश में बन रहे हैं। यहां तक कि लोहे की छड़ और सीमेंट भी झारखंड में बन रही है। तो फिर बिहार में बन क्या रहा है।

लालू और नीतीश ने बिहार को यही दिया

प्रशांत किशोर बोले बिहार में मजदूर बनाने की फैक्ट्री है। लालू और नीतीश ने अपने शासनकाल में बिहार को यही दिया है। वह बोले, बिहार में बच्चा पैदा होता है, बमुश्किल मां-बाप उसे पालते हैं इसके बाद वह 25 साल का होते ही मजदूरी करने लगता है। ट्रेन और बसों में भेड़-बकरियों की तरह भरकर प्रदेश से बाहर मजदूरी करने जाता है।

पांच किलो राशन के लिए दे देते वोट

वह बोले, अपना शरीर गलाकर महीने में दस हजार कमाता है और फिर उसमें से भी बचाकर घर पर भेजता है ताकि घर खर्च चल सके। यहां की जनता पांच किलो राशन के लिए वोट दे देती है।

बिना सोचे समझे वोट देने से भोगना पड़ता है

प्रशांत बोले, लोगों से पूछो कि वोट क्यों दिया तो जवाब देते हैं पुलवामा हो गया था, सभी ने वोट दिया तो हमने भी दे दिया। इस सोच के कारण सभी लोगों को भोगना पड़ रहा है। उन्होंने वोट देने के पीछे चार तरह की मानसिकता का भी जिक्र किया।

जाति के फंसे तो धर्म में अटके

वह बोले, जाति देखकर लोग वोट कर देते हैं। विकास के काम हुए न हुए, इससे मतलब ही नहीं, बस अपनी जाति का है तो वोट दे दो। जाति से बचे तो धर्म में फंस जाते हैं। बच्चे भूखे दम तोड़ देते हैं और लोग एक समुदाय को हराने के लिए धर्म के नाम पर वोट दे देते हैं।

कहीं सुरक्षा तो कहीं बीजेपी को हराना मानसिकता

प्रशांत ने कहा, अगर जाति और धर्म से बच गए तो लोग इसलिए वोट दे देते हैं कि कम से कम सुरक्षा तो है। पहले बिहार में जंगलराज की याद करने लगते हैं। सोचते हैं सड़कें नहीं न सही, रोजगार नहीं तो भी चलेगा, कम से कम सुरक्षा तो है। बस इसलिए भाजपा को वोट दे देते हैं। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग बीजेपी को हराने के चक्कर में लालटेन पर मुहर लगा देते हैं।

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