
Independence day: 15 अगस्त को, भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। यह उस ऐतिहासिक क्षण का जश्न मनाएगा जब भारत को 200 वर्षों के ब्रिटिश शासन के बाद आजादी मिली थी। जैसा कि हम 15 अगस्त को 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। आइए हम भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में उनके कुछ उद्धरण साझा करें।
* “निर्दयी आलोचना और स्वतंत्र सोच क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण हैं।” – भगत सिंह
* “पूंजीवादी समाज में ताकतों को अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो वे अमीर को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बना देती हैं।” – जवाहर लाल नेहरू
* “मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति की डिग्री से मापता हूं।” – भीम राव अंबेडकर
* “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है” – रामप्रसाद बिस्मिल
* “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा” – बाल गंगाधर तिलक
* “हम उद्देश्य की गहरी ईमानदारी, वाणी में अधिक साहस और कार्य में ईमानदारी चाहते हैं।” -सरोजिनी नायडू
* “जहाँ मन भय रहित होता है और सिर ऊँचा रहता है, जहाँ ज्ञान मुक्त होता है। जहां दुनिया संकीर्ण घरेलू दीवारों से टुकड़ों में नहीं बंटी है। जहां शब्द सत्य की गहराई से निकलते हैं, जहां अथक प्रयास पूर्णता की ओर अपनी बाहें फैलाता है। जहां तर्क की स्पष्ट धारा मृत आदत की नीरस रेगिस्तानी रेत में अपना रास्ता नहीं खो बैठी है। जहां मन आपके द्वारा आगे बढ़ाया जाता है।” – रवीन्द्रनाथ टैगोर
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