
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf Ahmed) की शनिवार (15 अप्रैल) को पुलिस हिरासत में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों की हत्या के मामले में जेल में बंद डॉन सुंदर भाटी का नाम सामने आया है। सूत्रों ने दावा किया कि सुंदर भाटी के आदेश पर अतीक और अशरफ के हत्यारों को जिगाना (Zigana) पिस्तौल दी गई थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान के रास्ते भारत आई जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में किया गया था। कुछ सूत्रों ने दावा किया कि सुंदर भाटी अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का मास्टरमाइंड है।
तीन हत्यारों में एक रोहित उर्फ सन्नी हमीरपुर का रहने वाला है। उसके खिलाफ कुरैरा थाने में 14 मामले दर्ज हैं। वह सुंदर भाटी के साथ वर्ष 2019 में हमीरपुर जेल में बंद था। तभी से वह सुंदर भाटी के संपर्क में था। सूत्रों ने दावा किया है कि जिगाना पिस्टल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात डॉन के कहने पर अतीक अहमद के हत्यारों तक पहुंची थी।
सुंदर भाटी के खिलाफ 62 आपराधिक मामले दर्ज हैं। गौतम बुद्ध नगर जिला अदालत ने हाल ही में उसे हरेंद्र प्रधान हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वह जेल में है। सुंदर वर्तमान में सोनभद्र जिला जेल में बंद है।
अपराध की दुनिया में कदम रखने से पहले सुंदर भाटी बुलंदशहर में ट्रांसपोर्ट का ठेका लेता था. इसके बाद वह नेताओं के संपर्क में आया और राजनीतिक हत्याएं करने लगा। हालांकि सुंदर भाटी भी राजनीति में आना चाहते थे, लेकिन इसी बीच नरेश भाटी जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए। सुंदर और नरेश कभी दोस्त थे लेकिन बाद में सुंदर ने नरेश भाटी की हत्या कर दी। उसके बाद सुंदर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पैसों के लिए वह लोगों का कत्ल करता चला गया।
सुंदर भाटी गैंग के सदस्य जबरन वसूली और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में शामिल हैं। सुंदर भाटी गिरोह के सदस्यों पर पूर्वांचल में कई हत्याओं का आरोप है।