UP: आखिरकार टूट हीं गई आरिफ और सारस की दोस्ती, ये है पूरा मामला

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उत्तर प्रदेश के अमेठी में करीब एक साल से चली आ रही आरिफ और सारस की दोस्ती आखिरकार आज टूट ही गई। वन विभाग की टीम ने सारस पक्षी को समसपुर पक्षी विहार में शिफ्ट कर दिया। राज्य पक्षी सारस के साथ दोस्ती की वजह से अमेठी के आरिफ चर्चा में आए थे। बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उनकी इस दोस्ती की मिसाल की तारीफ की थी। आज अमेठी में वन विभाग की टीम ने सारस को समसपुर पक्षी विहार में संरक्षित करने के लिए भेज दिया। एक महीने पहले सारस और आरिफ  की दोस्ती सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियों में आई थी।

जामो ब्लाक के जोधनपुर मडंका गांव के रहने वाले आरिफ के साथ उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी सारस दोस्त बनकर रहता था और करीब एक माह पूर्व सारस और आरिफ की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए चर्चा में आई थी। जिसके बाद खुद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरिफ के घर पहुंचकर उनके दोस्ती की मिसाल को सराहा था और आरिफ की तारीफ की थी।

आज अमेठी वन विभाग की टीम और समसपुर पक्षी विहार रायबरेली की टीम की मौजूदगी में सारस को सुरक्षात्मक उपाय के साथ उसके प्राकृतिक वास स्थल के लिए छोड़ दिया गया। सारस के जाने के बाद सारस के दोस्त आरिफ काफी दुखी हैं और वह अपनी सुध बुध खो बैठे हैं। वही उनके परिजनों का भी रो-रो कर बुरा हाल है।

सारस को ले जाने के बाद आरिफ के छोटे भाई अरमान बताते हैं कि सारस के जाने के बाद हमें काफी दुख है।हमें इतना दुख है कि हम उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। सारस से हमारा दिली लगाव था और हम सब के बीच वह परिवार के सदस्य की तरह रहता था। हमारी यही मांग है कि सारस को भले ही ले जाया गया है। लेकिन उसे जैसे यहां पर आजादी थी। उसी आजादी में वहां भी रखा जाए।

वही आरिफ की मां फातिमा बताती है कि आरिफ के साथ-साथ सारस से भी उन्हें मोहब्बत थी। उन्हें काफी लगाव था लेकिन आज वन विभाग के कर्मचारी आए और सारस को अपने साथ ले गए जिससे वह काफी दुखी हैं। सारस पक्षी करीब एक साल पहले से उनके परिवार के साथ रहता था।

वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी जब सारस के जाने की जानकारी को  सुना। तो उन्होंने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वन विभाग की टीम उप्र के राजकीय पक्षी सारस को तो स्वतंत्र करने के नाम पर उसकी सेवा करनेवाले से दूर ले गयी। देखना ये है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर को दाना खिलाने वालों से स्वतंत्र करने के लिए क्या कार्यवाही होती है।

रिपोर्ट: राजीव ओझा

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