‘मेरे और तेजस्वी के बीच में आने वाले ‘संजय यादव कौन हैं’- तेज प्रताप यादव

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पटना: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के बीच में टकराव जग-जाहिर है लेकिन ये टकराव दिनों-दिन बढ़ती ही जा रहा है।

तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को खुलकर तेजस्वी यादव के सहयोगी माने जाने वाले संजय यादव पर आरोप लगाया है कि वो उन्हें तेजस्वी यादव से ना तो बात करने दे रहे हैं और ना ही मिलने दे रहे हैं।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, “तेजस्वी जी से मेरी बात शुरू ही हुई है। तो संजय यादव ने आकर हमें रोक दिया। और अब तेजस्वी को लेकर चले गए हैं। ना ही मिलने दे रहे हैं। बात तक नहीं करने दे रहे हैं।”

दरअसल, हाल में जारी विवाद की जड़ राजद की छात्र इकाई के अध्यक्ष पद से जुड़ी हुई है।

गगन कुमार को बनाया गया था अध्यक्ष

राजद की बिहार शाखा के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अध्यक्ष पद कुछ दिनों पहले पटना यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई कर रहे छात्र गगन कुमार को सौंप दिया था। जो कि तेज प्रताप यादव को नाग़वार गुज़रा क्योंकि तेज प्रताप के क़रीबी माने जाने वाले आकाश यादव को इस पद से हटाकर गगन कुमार को अध्यक्ष बनाया गया था।

इसके बाद से ही तेज प्रताप यादव जगदानंद सिंह से के मुद्दे को लेकर अपने भाई तेजस्वी यादव के प्रति नाराज़गी खुलकर जाहिर कर रहे हैं।

तेज प्रताप यादव ने कहा था कि “वो (जगदानंद सिंह) सोचते हैं कि ये उनकी पार्टी है। पार्टी में संविधान का पालन नहीं किया गया है। हमारे छात्र नेताओं को नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया। “तेज प्रताप यादव कौन है”, कहकर वो हमें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं। वो केवल कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी को तोड़ना चाहते हैं।”

हालांकि, इसके बाद जगदानंद सिंह ने पलट कर जवाब में कहा है, “वह पार्टी संविधान को स्वीकार कर रहे हैं, इससे ज़्यादा अच्छा कुछ भी नहीं हो सकता है। हर समर्पित पार्टी कार्यकर्ता के लिए संविधान, नियम और दिशानिर्देश की तरह होते हैं। इसका उल्लंघन नहीं किया जा रहा है।”