
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की हत्या के मामले में एक बड़ा एक्शन लिया है। दरअसल, रविवार को सीएम ने हत्याओं की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की है।
जांच की टीम अधिनियम 1952 के तहत स्थापित होगी। इसका नेतृत्व उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरविंद कुमार त्रिपाठी करेंगे। इनके अलावा इसमें सेवानिवृत्त डीजीपी सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी भी शामिल होंगे। आपको बता दें कि आदेश के अनुसार, आयोग दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
रिपोर्ट्स की मानें तो, कल यानी शनिवार (15 अप्रेल) को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना रात करीबन साढ़े 10 बजे हुई जब अतीक अहमद और अशरफ को कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लेकर जाया जा रहा था। इसी दौरान तीन हमलावरों ने काफी नजदीक से उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। मिली जानकारी के अनुसार, शूटरों ने 14 राउंड फायरिंग की थी, जिसमें दोनों की मौत हो गई।
आपको बता दें कि 3 शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने तुरंत सरेंडर कर दिया था और अब वो पुलिस हिरासत में हैं। अब इस हत्याकांड के तार तुर्की से जुड़ गए हैं। दरअसल, सामने आई जानकारी बताती है कि घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल Zigana, एक तरह की सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल है। इसका प्रोडक्शन तुर्की में किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी की ये हिन्दुस्तान में इस पिस्टल पर बैन लगा हुआ है और गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस कर इसे भारत लाया गया है। वहीं, इसकी कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपए बताई जा रही है। बता दें, तीनों ही शूटरों का कहना है कि अंडरवर्लड में कदम रखने की आड़ में उन्होंने अतीक और अशरफ की हत्या कर दी। वहीं, घटना के बाद से प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर घारा 144 लागू कर दी गई है।
 









