Supreme Court : चुनाव आयोग ने पूरे देश में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया है, लेकिन इस काम के दबाव को लेकर कई राज्यों में BLOs की शिकायतें बढ़ गई हैं। कुछ जगहों पर उनकी मौत के मामलों की जानकारी भी सामने आई, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
कोर्ट ने राज्यों को दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SIR वैध प्रक्रिया है और इसे पूरा करना जरूरी है। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया कि BLOs पर बोझ कम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाया जाए और जहां जरूरत हो, कर्मचारियों को राहत भी दी जाए। यदि BLOs व्यक्तिगत कारणों से काम नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें बदलने पर विचार किया जाए।
BLOs पर अधिक दबाव
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि कई BLOs पर अधिक दबाव है और कई मामलों में उन पर कार्रवाई या FIR भी दर्ज की गई है। वरिष्ठ वकीलों ने कहा कि SIR के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने राज्यों से पूछा कि वे अपनी समस्याओं को स्पष्ट करने के लिए अदालत में क्यों नहीं आ रहे हैं।
अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए नोटिस
रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के तहत SIR में शामिल कर्मियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए नोटिस भेजी जा रही जिसमें कहा गया है कि यदि वे समय सीमा का पालन नहीं करेंगे तो उन्हें 2 साल की कैद हो सकती है। यूपी में बीएलओ के खिलाफ 50 FIR दर्ज की गई हैं।
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