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तेजस्वी यादव ने संसद के कानून को बताया कूड़ा! सुधांशु त्रिवेदी ने किया बड़ा खुलासा

अहम बातें एक नजर में:

  • सुधांशु त्रिवेदी का तेजस्वी यादव पर हमला: BJP प्रवक्ता ने तेजस्वी पर वक्फ कानून को “कूड़ेदान में फेंकने” की बात को लेकर निशाना साधा.
  • वक्फ शब्द पर विवाद: त्रिवेदी ने कहा, कुरान में ‘वक्फ’ शब्द नहीं है, यह मौलवियों द्वारा गढ़ा गया है.
  • शरिया कानून लागू करने की चेतावनी: BJP ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां संविधान के स्थान पर शरिया कानून थोपना चाहती हैं.
  • ओबीसी आरक्षण और अल्पसंख्यक संस्थाएं: जामिया, एएमयू और अन्य संस्थानों में आरक्षण न देने को लेकर कांग्रेस और RJD पर हमला.

Wakf Law Controversy : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौराने राजद नेता तेजस्वी यादव के हाल ही आए बयान पर तीखी वार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने संविधान और संसद के कानून का अपमान किया है. जिसपर तेजस्वी ने संसद के कानून (वक्फ बोर्ड कानून) को “कूड़ेदान में फेंकने” की बात कही थी, जो बेहद निंदनीय है.


त्रिवेदी ने कहा कि यह वही गांधी मैदान है जहां आपातकाल के समय लाखों की तादाद में लोगों ने संविधान की रक्षा की थी. वहीं लेकिन आज उसी मैदान में संविधान को नीचा दिखाने वाली बातें कही जा रही हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और उनके जैसे नेता संविधान के नहीं, शरिया कानून के समर्थक हैं और वोट बैंक की राजनीति के चलते देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को चोट पहुंचा रहे हैं.


कुरान में ‘वक्फ’ शब्द नहीं: त्रिवेदी

इतना ही नहीं सुधांशु त्रिवेदी ने दावा करते हुए कहा कि ‘वक्फ’ शब्द कुरान है ही नहीं. यह केवल मुल्लाओं और मौलवियों द्वारा दिया गया एक शब्द है. इस्लाम धर्म में दान और जरूरतमंदों की मदद पर जोर दिया जाता है, न कि संपत्ति जमा करके रखने पर. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड का विस्तार धर्मनिरपेक्ष संविधान का मजाक उड़ाने जैसा है.


शरिया कानून लागू करना चाहते हैं: बीजेपी

त्रिवेदी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विपक्षी दल सत्ता में आते हैं, तो वे बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटा कर शरिया कानून लागू कर सकते हैं. दूसरी ओर उन्होंने शाहबानो केस का हवाला देते हुए बताया कि कैसे 1985 में एक बड़ी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटकर शरिया को तवज्जो दी थी.


ओबीसी आरक्षण पर भी सवाल

हालांकि बीजेपी नेता ने आरोप लगाया है कि जामिया और एएमयू जैसे संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. साथ ही माइनॉरिटी इंस्टीट्यूट के नाम पर संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.


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