अचानक सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से अफरा-तफरी, अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप

Strike of Sweepers

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Strike of  Sweepers: नगर पारिषद बक्सर के वर्तमान बोर्ड के अध्यक्ष और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नगर परिषद के सफाई कर्मी अचानक हड़ताल पर चले गए। उनके हड़ताल पर जाने से नगर परिषद में अफरा-तफरी मच गई। दरअसल, बक्सर नगर परिषद में ठेकेदार के माध्यम से सफाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्य कर रहे हैं. इन सफाई कर्मियों ने सोमवार को बगैर सूचना दिए हड़ताल कर दी. इससे शहर में सफाई-व्यवस्था बाधित हो गई है.

न्यूनतम दैनिक मजदूरी बढ़ाने की मांग

सफाई कर्मियों ने दैनिक न्यूनतम मजदूरी की राशि में वृद्धि करने, जल्द से जल्द स्थायी कर्मचारी के रूप में नगर परिषद में नियुक्ति देने व मनमाना रवैया अपना रहे एनजीओ पर कार्रवाई की मांग की है. सोमवार को नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय आने से पूर्व ही नगर परिषद के गेट पर जमा होकर सैकड़ों कर्मचारियों ने जमकर हंगामा व नारेबाजी शुरु कर दी. कार्यालय के मुख्य गेट को बन्द कर बवाल मचाया.

समस्या का समाधान न होने का आरोप

उनका यह कहना है कि बीते कई वर्षों से अफसरों को आवेदन देने के बाद भी अफसरों द्वारा दिलचस्पी नहीं लेने से कर्मचारियों की समस्या का समाधान नहीं किया जा सका. दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारियों को प्रति माह पांच तारीख तक आवश्यक रूप से वेतन मिलना चाहिए. उनके रहने की व्यवस्था तथा सफाई की किट भी मुहैया कराया जाए.

उचित मजदूरी न मिलने का आरोप

सफाई मजदूर का नेतृत्व कर रहे मोहन उपाध्याय व इंद्रजीत चौबे का कहना है कि बक्सर नगर पारिषद करीब 86 लाख रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 42 वार्डों में सफाई के मद में खर्च करती है, इस राशि के एक बड़े हिस्से का वारा-न्यारा चेयरमैन और सशक्त कमिटी द्वारा किया जाता है. इसी वजह से सफाई कर्मियों के मेहनत की उचित मजदूरी भी उन्हें नहीं मिल पाती है.

रिपोर्टः चंद्रकांत, संवाददाता, बक्सर, बिहार

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