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हिंदी-ऊर्दू स्कूलों के लिए अलग-अलग छुट्टी का कलैंडर क्यों- सुशील मोदी

Sushil allegation on Bihar govt: बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा जारी छुट्टी के कलैंडर पर विपक्ष लगातार हमलावर है। मामले में सुशील मोदी ने तमाम तथ्य गिनाते हुए बिहार सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वाली बिहार सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।

‘क्या हिंदी स्कूलों में नहीं पढ़ते मुस्लिम बच्चे’

सुशील मोदी ने कहा आजादी के 75 सालों बाद खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली बिहार सरकार ने बिहार में हिंदी स्कूलों और ऊर्दू स्कूलों के लिए अलग अलग छुट्टी कलैंडर जारी किए। क्या ऊर्दू स्कूलों में हिंदू बच्चे नहीं पढ़ते, क्या हिंदी स्कूलों में मुस्लिम बच्चे नहीं पढ़ते। ये अलग अलग कलैंडर क्यों।

Sushil allegation on Bihar govt: ‘हिंदू त्योहारों की छुट्टी घटाईं’

उन्होंने 2023 में छुट्टियों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 2022 में जारी कलैंडर का हवाला दिया। कहा, होली की छुट्टी चार से घटाकर दो दिन कर दी गई। ऐसे ही दुर्गा पूजा की छुट्टी 6 से घटाकर 2 दिन, दीपावल- छठ की छुट्टी 9 से घटाकर 5 दिन कर दी गई।

Sushil allegation on Bihar govt: ‘मुस्लिम त्योहारों की छुट्टी बढ़ाईं’

उन्होंने कहा, सरकार ने तीज, अंनत चतुर्दशी, ज्योतिया, गांधी जयंती और रक्षाबंधन की छुट्टी समाप्त कर दीं। वहीं ईद की छुट्टी एक दिन से बढ़ाकर 3 दिन, बकरीद की छुट्टी दो दिन से बढ़ाकर तीन दिन और मोहर्रम की छुट्टी एक दिन से बढ़ाकर दो दिन कर दी गई है।

साप्ताहिक अवकाश पर भी सवाल

उन्होंने कहा, सरकार बताए कि ऊर्दू स्कूलों का साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार और हिंदी स्कूलों का साप्ताहिक अवकाश रविवार क्यों रखा गया। क्या सभी स्कूलों का साप्ताहिक अवकाश रविवार को नहीं किया जा सकता।

Sushil allegation on Bihar govt: बोले, क्या यही आपका लोकतंत्र

वह बोले, ये जो अलगाव है, इसी ने देश के अंदर विभाजन का बीजारोपण किया। अब सरकार ने ये आदेश जारी किया कि यदि कोई शिक्षक संगठन बनाएगा तो उसके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा क्या यही आपका लोकतंत्र है।

रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार

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