
Silkyara Tunnel: उत्तरकाशी में हुए सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ने पूरे देश में खुशियां बांटी। 41 परिवारों के चिराग वापस आए तो उनके घर में दीपावली जैसा नजारा रहा। बिहार के रोहतास में भी कुछ ऐसा ही माहौल था। यहां जिले के तिलौथू प्रखंड अंतर्गत चंदनपुरा गांव के सुशील शर्मा भी उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे थे। उनके बाहर निकलने के बाद परिजनों ने जश्न मनाया। सुशील के पिता रामदेव शर्मा और पत्नी गुड़िया देवी ने रेस्क्यू टीम, उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।
Silkyara Tunnel: छठ पर घर आने का किया था वादा
सुशील ने पिछले 10 वर्षों से एक कंपनी में हाईड्रा चालक के तौर पर काम करते हैं। पिछले 11 महीनों से वह अपने घर नहीं आए। वादा किया था कि दीपावली और छठ पर्व में वापस आएंगे। लेकिन सिलक्यारा में हुए टनल हादसे में वह टनल के अंदर फंस गए।
Silkyara Tunnel: परिवार में खुशी और उत्साह
सुशील के पिता राजदेव शर्मा और पत्नी गुड़िया देवी ने बताया कि सुशील 17 दिनों तक टनल में फंसे रहे। उन्होंने सभी दुखों का सामना किया, लेकिन उनके टनल से बाहर आने के बाद परिवार में खुशी और उत्साह देखा। उनकी पत्नी गुड़िया देवी और बच्चों ने सुशील के वापस आने पर खुशी जताई है। उन्होंने ईश्वर से मनोकामनाएं मांगी थीं।
Silkyara Tunnel: सुशील की घरवापसी पर पूजा-पाठ की योजना
सुशील के माता-पिता ने उसके घर वापस आने पर पूजा-पाठ करने की योजना बनाई है। गुड़िया देवी ने बताया कि सुशील ने पिछले 10 वर्षों से उसी कंपनी में हाईड्रा चालक के पद पर काम किया था। पिछले 11 महीनों से वह घर नहीं आया था। टनल में जाने से पहले ही उसने वादा किया गया था कि वह दीपावली और छठ पर्व में वापस आएगा। वह टनल में फंस गया। अब घर लौट रहा है तो पूरे परिवार में जश्न का माहौल है।
रिपोर्टः दिवाकर तिवारी, संवाददाता, रोहतास, बिहार
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