
Delhi News:
दिल्ली(Delhi News) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दवा घोटाले को लेकर एक बार फिर मुसिबतें बड़ती हुई दिखाई दे रही है। इस संबंध में दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आप सरकार के खिलाफ सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि उनपर दिल्ली में सरकारी अस्पतालों में गड़बड़ी करने के आरोप में जांच के आदेश दिए गए है। वहीं अब इस मामले में दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है।
दिल्ली सरकार ने दी प्रतिक्रिया
बता दें कि इस मामले में दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सौरव भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पुराने लेटर को पोस्ट किया इस लेटर के साथ उन्होनें लिखा कि ‘CPA द्वारा दवाइयों की खरीद DGHS के अधीन है और विभाग स्वास्थ्य सचिव के पास है। उन्होनें कहा कि मैने आज से दो महिने पहले LG साहब को इन दोनों अफसरों को सस्पेंड करने को कहा था। मगर इसपर कुछ नहीं हुआ। उन्होनें कहा कि अगर इतना ही भ्रष्टाचार हो रहा है तो केंद्र सरकार और एलजी सरकार इन दोनों को सस्पेंड करें। क्यों रखा हुआ है?
नहीं हुई सुनवाई
स्वास्थ्य मंत्री ने अपने इस बयान में आगे कहा कि ‘लिखित आदेश देने पर भी नहीं मानते है स्वास्थ्य अधिकारियों की जवाबदेही अब मंत्री और चुनी हुई सरकार को नहीं ही 9.3.2023 को मंत्री बना और 21.3 2023 को आदेश दिए में फिर लिखित में पूछा मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब हमारी सिफारिश के बाध भी इन दोनों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हमने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दी है। ऐसे अफसरों को केंद्र सरकार क्यों बचा रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर साधा निशाना
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरव भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होनें कहा कि मैं खुद इन दवाओं की जांच नहीं कर सकता। इसके लिए मैं निर्देश दे सकता हूं जो मैनें दिए भी। मैंने इस मामले पर कहा भी कि अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। केंद्र को उनके खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। लेकिन केंद्र उनपर एक्शन लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होनें कहा कि इस संबंध में मैने उपराज्यपाल को लेटर भी लिखा है। लेकिन जांच करने में कोई भी दिलचस्पी नहीं है। उन्होनें कहा कि यदि गलत दवाइयां आ रही हैं, और लोगों की जान खतरे में भी है,तो वह व्यक्ति अपनी सीट पर अभी तक क्यों हैं? उसे अब तक हटा देना चाहिए था।
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