
फटाफट पढ़ें
- सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर सुनवाई की
- राज्यों के मुख्य सचिव 3 नवंबर को बुलाए गए
- हलफनामा न देने पर कोर्ट नाराज हुआ
- सिर्फ दिल्ली, बंगाल, तेलंगाना ने जवाब दिया
- कोर्ट ने नसबंदी-टीकाकरण के निर्देश दिए
Delhi News : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों से जुड़ी स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया. अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि नोटिस जारी होने के बावजूद अधिकांश राज्यों ने अब तक हलफनामे दाखिल नहीं किए हैं, जिसके चलते यह आदेश जारी करना पड़ा.
सिर्फ तीन राज्यों ने दिए हलफनामे
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों- जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की विशेष बेंच ने सुनवाई के दौरान बताया कि अब तक केवल दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), पश्चिम बंगाल और तेलंगाना ने ही आवारा कुत्तों की समस्या पर अपने हलफनामे दाखिल किए हैं. बता दें कि 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जब इस मामले पर सुनवाई की थी, तब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हलफनामे दाखिल करने के लिए कहा गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर दिए दिशा-निर्देश
आदेश के बावजूद हलफनामे दाखिल न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और राज्यों के मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को आवारा कुत्तों के मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर से बढ़ाते हुए सभी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मामले में पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था. उसी आदेश में अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा था कि कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें उनके इलाके में वापस छोड़ा जाए.
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