हमारे पास सर्जिकल स्ट्राइक का साहस, लेकिन पाकिस्तान से बात का नहीं : मणिशंकर अय्यर

Mani Shankar Aiyar
Mani Shankar Aiyar : कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान से भारत को बात करनी चाहिए। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक तो कर दिया, लेकिन उनके पास पाकिस्तान से बात करने का साहस नहीं है।
मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को जमकर घेरा है। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान से हमारे पास दोनों देशों के जुड़े मसले पर बात करने का साहस नहीं है, जबकि सर्जिकल स्ट्राइक करने जैसा कदम को उठा लिया गया। आंतकवाद को फैलाने वाला पाकिस्तान खुद आंतकवाद का शिकार है। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान की ये पुरानी सोच थी कि वो अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता लाएं, लेकिन आज उनके लिए ही ये सबसे बड़ा खतरा है कि अफगानिस्तान में तालिबान है।
कामों को की सराहना की
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान को अपने गले में लटकाए हमारे लिए बड़ा खतरा है। ये हमारे लिए आत्मघाती भी है हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए जैसा के पूर्व मनमोहन सिंह ने कश्मीर मुद्दे पर बात किया था। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले लोग भी भारतीयों की तरह ही हैं, लेकिन बंटवारे की त्रासदी ने उन्हें हमसे अलग कर एक दूसरा देश बना दिया है। कांग्रेस नेता ने शेख हसीना के भारत के लिए किए गए कामों को की सराहना की।
ज्यादा अंतर नजर नहीं आता
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि यह सच है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, लेकिन ऐसा ज्यादातर इसलिए हो रहा है क्योंकि वो शेख हसीना का सपोर्ट करते हैं। हिंदुओं पर हमलों की खबरें सच जरूर हैं लेकिन, ये ज्यादातर बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही हैं। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि अधिकतर संघर्ष राजनीतिक मतभेदों को सुलझाने के लिए किया जाता है। मणिशंकर अय्यर ने अपनी पत्नी का जिक्र करते हुए कहा कि एक तमिल के रूप में मुझमें और एक पंजाबी के रूप में मेरी पत्नी में, उनकी और एक पाकिस्तानी पंजाबी के बीच से कहीं कोई ज्यादा अंतर नजर नहीं आता है।
इस बात से सभी सहमत होंगे
मणिशंकर अय्यर ने बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की तारीफ करते हुए कहा कि मैं आशा करता हूं कि मेरी इस बात से सभी सहमत होंगे कि शेख हसीना ने भारत के लिए बहुत सारे अच्छे काम किए हैं। मुझे खुशी है कि उन्हें भारत में शरण दी गई मुझे लगता है कि जब तक वह चाहें, हमें उनका मेजबान बने रहना चाहिए अगर उन्हें पूरे जीवनकाल में भले क्यों न भारत में रहना पड़े।
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