
Malegaon 2008 Blast Case : मालेगांव ब्लास्ट मामले में NIA की स्पेशल कोर्ट का फैसला आया है. सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इसी कड़ी में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि क्या मोदी और फडणवीस सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी, जैसा कि उन्होंने 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में बरी किए गए 12 आरोपियों के खिलाफ किया था?
उन्होंने कहा कि क्या महाराष्ट्र की धर्मनिरपेक्ष पार्टियां इस मामले में जवाबदेही की मांग करेंगी? सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर उन छह मासूम लोगों को किसने मारा?
‘जांच प्रक्रिया की खामियों को उजागर करता है‘
उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह आतंकवाद पर कठोर होने का दावा करने वाली मोदी सरकार का असली चेहरा दिखाता है, जिसने एक आतंकी मामले की आरोपी को सांसद बनाया. क्या दोषी जांच अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा?
ओवैसी ने कहा कि जवाब सभी जानते हैं. यह मामला न केवल जांच प्रक्रिया की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या भारत में धार्मिक आधार पर हिंसा के पीड़ितों को कभी न्याय मिलेगा. मालेगांव के पीड़ित आज भी जवाब की प्रतीक्षा में हैं.
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