‘किसी भी देश की सभ्यता, उसकी…’, जहान-ए-खुसरो 2025′ में बोले PM मोदी

जहान-ए-खुसरो 2025' में बोले PM मोदी
Jahan E Khusrau 2025 : पीएम मोदी ने दिल्ली के सुंदर नर्सरी में भव्य सूफी संगीत महोत्सव ‘जहान-ए-खुसरो 2025’ में भाग लिया। पीएम मोदी ने कहा कि आज जहान-ए-खुसरो में आकर मन खुश होना स्वाभाविक है। हजरत अमीर खुसरो जिस बसंत के दिवाने थे वो बसंत आज यहां दिल्ली के मौसम में ही नहीं बल्कि ‘जहान-ए-खुसरो’ के आवो हवा में घुला हुआ है…यहां महफिल में आने से पहले मुझे तह बाजार घूमने का मौका मिला।
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे मौके देश की कला संस्कृति के लिए तो जरूरी होते ही हैं, साथ ही इनसे एक सुकून भी मिलता है। जहान-ए-खुसरो का ये सिलसिला अपने 25 साल पूरा कर रहा है। इन 25 वर्षों में इस आयोजन का लोगों के जहन में जगह बना लेना अपनेआप में बड़ी कामयाबी है।
‘ये खुशबू हिंदुस्तान की मिट्टी की है’
पीएम मोदी ने कहा कि जहान-ए-खुसरो के इस आयोजन में एक अलग खुशबू है, ये खुशबू हिंदुस्तान की मिट्टी की है। वो हिंदुस्तान, जिसकी तुलना हज़रत अमीर खुसरो ने जन्नत से की थी। हमारा हिंदुस्तान जन्नत का वो बागीचा है, जहां तहज़ीब का हर रंग फला-फूला है। यहां की मिट्टी के मिजाज में ही कुछ खास है। शायद इसलिए जब सूफी परंपरा हिंदुस्तान आई, तो उसे भी लगा कि जैसे वो अपनी ही जमीं से जुड़ गई हो।
उन्होंने कहा कि भारत में सूफी परंपरा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। सूफी संतों ने खुद को मस्जिद और खानकाहों तक सीमित नहीं रखा है। उन्होंने पवित्र कुरान के हर्फ पढ़े तो वेदों के शब्द भी सुने, उन्होंने अज़ान की सदा में भक्ति के गीतों की मिठास को जोड़ा… किसी भी देश की सभ्यता, उसकी तहजीब को स्वर उसके गीत-संगीत से मिलते हैं। उसकी अभिव्यक्ति कला से होती है।
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