
शौक और खर्चा पूरा करने के लिए 12वीं पास एक छात्र ने बाइक चोर गैंग बना लिया। महंगे शौक पूरे करने के लिए इन आरोपियों ने बाकायदा एक बाइक चोरी का गैंग तैयार कर लिया था, जिनमें चार आरोपी शामिल थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बाइक चोरी करने के बाद बाइक की नंबर प्लेट बदलकर या हटाकर कुछ दिन तक अपने पास छिपाकर रखते थे और बाद में मजबूरी बताकर पांच से छह हजार रुपये में गांव के लोगों को बेचते थे। आरोपियों ने दो माह में 20 बाइक चोरी करने की बात कबूली है।
गाजियाबाद की बापूधाम पुलिस ने ऐसे ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 3 छात्र हैं जो लगातार शहर में बाइक चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए यह बाइक चोर गैंग बनाई थी। आरोपियों ने बताया कि सुनसान इलाकों में कुछ दिन तक वाहनों की रैकी करते हैं और मौका देखकर दोपहिया वाहन चोरी कर लेते हैं।
दरअसल निखिल ने प्रधानाचार्य से छुट्टी मांगी थी छात्रों ने बताया कि उनके एक दोस्त की डेथ हो गई है। जिसके शोक समारोह में जाना है। इस दौरान प्रिंसिपल को छात्रों के हावभाव व रहन-सहन पर शक हुआ और छुट्टी नहीं दी। इसके उलट प्रिंसिपल ने इन छात्रों के अभिभावकों से शिकायत कर दी की आपके लड़के शायद गलत संगत में पड़ गए हैं, उन्हें संभाल लो। इसके दो दिन बाद ही स्कूल परिसर से प्रिंसिपल की बाइक गायब हो गई। इसके बाद इन छात्रों को बाइक चुराने का चस्का लगा और एक के बाद एक बाईक चोरी करने लगे. पुलिस ने ये बाइक भी बरामद कर ली है।
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