
छत्तीसगढ़ सरकार एक बार फिर से प्रखर रूप से राज्य के हर एक तबके के लिए विकास की नई राहें बिछाने के प्रयास में जुट गईं हैँ। जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार नया विधेयक लेकर आएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा का नया सत्र बुलाने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को भेजा था। इसमें एक और दो दिसंबर को विशेष सत्र बुलाए जाने का आग्रह किया गया। इसके बाद प्रस्ताव को राजभवन भेजा गया, अच्छी बात ये रही। जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है।
राज्यपाल की मंजूरी के बाद विशेष सत्र एक दिसंबर को सुबह 11 बजे से शुरू होगा और दो दिसंबर तक चलेगा। विधानसभा के इस 15वें सत्र को विशेष रूप से बुलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, राज्य में आरक्षण के मामले में आदिवासी समाज निश्चिंत रहे।
मुख्यमंत्री ने कहीं बड़ी बातें
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आदिवासियों के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो अधिकार प्रदत्त है, उसका पालन हमारी सरकार कर रही है। हमारी स्पष्ट मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी संवैधानिक अधिकार उन्हें प्राप्त हों। आरक्षण के मामले को लेकर हमने विधानसभा अध्यक्ष महोदय से एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने का भी आग्रह किया है।