भाजपा शासित एमसीडी ने निजी क्लिनिक और अपने लोगों को हजारों करोड रुपए की जमीन मुफ्त में देकर जाने का किया फैसला – सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने निजी क्लिनिक और अपने लोगों को हजारों करोड रुपए की जमीन मुफ्त में देकर जाने का फैसला किया है। एनडीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी में 1 सितंबर को लाया गया प्रस्ताव पास कर दिया गया है। जिसके जरिए एमसीडी की जमीनों को अपने लोगों को मुफ्त में देने जा रहे हैं। प्रस्ताव में स्पष्ट लिखा है कि एनडीएमसी बिना किसी शुल्क के खाली भवन और जमीन का लाइसेंस देगी। यह दुनिया का पहला लाइसेंस होगा जिसके अंदर करोड़ों की जमीन अपने लोगों को बिना शुल्क के देंगे।
एमसीडी से बीजेपी भागने की तैयारी कर रही : सौरभ भारद्वाज
उन्होंने कहा कि एमसीडी से बीजेपी भागने की तैयारी कर रही है। ऐसे में सभी संपत्ति और आय के स्रोतों को कौड़ियों के दाम में बांटने की तैयारी कर रही है। भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि आप किस वजह से इस तरह की घटिया पॉलिसी ला रहे हैं। अपने नेताओं को करोड़ों की जमीन मुफ्त में देने जा रहे हैं।
हर महंगी जमीन को सस्ते दामों में बेच रही भाजपा: आप प्रवक्ता
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कहा कि एमसीडी से बीजेपी भागने की तैयारी में है। एमसीडी से जाते-जाते सारी संपत्ति और आय के स्रोतों को अपने लोगों को कौड़ियों के दाम बांटने की तैयारी कर रही है। हर महंगी जमीन को सस्ते दामों में बेच रही है। अस्पतालों को नीलाम करने की तैयारी चल रही है। एमसीडी के जितने भी पार्क हैं, उसके अंदर दुकानें खुलवाने की तैयारी कर रही थी। जितनी सड़कें हैं, उनको भी फूड वेंडर्स के हवाले करके पैसा कमाने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा शासित एनडीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी में 1 सितंबर को प्रस्ताव लाया गया और प्रस्ताव पास कर दिया गया। भाजपा शासित एमसीडी के पास जितनी भी जमीन और इमारते हैं उन्हें अपने चाहने वालों को मुफ्त में देने जा रहे हैं। डिस्पेंसरी, मेडिकल सेंटर, मेटरनिटी सेंटर, चेस्ट क्लीनिक की कई हजार करोड़ की संपत्ति है। प्रस्ताव पास कर स्कीम निकाली है कि सारी संपत्ति अपने चाहने वालों को कम दामों में नहीं बल्कि मुफ्त में देने जा रहे हैं। रिपोर्ट- कंचन अरोड़ा