
Bihar SIR : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) पर सुनवाई की. सुनवाई के दूसरे दिन याचिकाकर्ताओं की तरफ से पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग उठी. कुछ याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इसे जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए. चुनावी साल है ऐसे में इससे जो योग्य वोटर हैं वह वंचित रह सकते हैं. बताते चलें कि गुरुवार को चुनाव आयोग को जवाब देना है.
‘यह वोटर फ्रेंडली बात मानी जाएगी’
आपको बता दें कि बिहार SIR की ड्राफ्ट लिस्ट के मामले में 2 ही दिन सुनवाई होनी थी. जस्टिस सूर्य कांत और जोयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि सबको बोलने का मौका दिया जाएगा. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष से कई सवाल पूछे. कोर्ट ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि चुनाव आयोग के पास विशेष पुनरीक्षण की शक्ति नहीं है. पिछले साल के अंत में हुए समरी रिवीजन में चुनाव आयोग ने सिर्फ 7 कागज़ात स्वीकार किए थे. अब यह बढ़ा कर 11 कर दिए गए हैं. यह वोटर फ्रेंडली बात मानी जाएगी.
दरअसल, प्रशांत किशोर ने कहा कि 2 जिलों में 10.6 और 12.6% लोगों का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है. बीएलओ मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं. कई जगहों पर बीएलओ खुद फॉर्म भर कर जमा कर रहे हैं. मृत लोग भी लिस्ट में जगह पा रहे हैं. ड्राफ्ट लिस्ट में 1 ही पते पर 240 लोग दर्ज हैं. इसी पर जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि 1 घर में इतने लोगों का रहना संभव नहीं.
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