Bihar

प्रशांत किशोर के आमरण अनशन पर नीरज कुमार ने साधा निशाना, दे डाली…

Bihar: बिहार में बीपीएससी परीक्षा को लेकर प्रशांत किशोर का आमरण अनशन लगातार जारी है। उनका कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभ्यर्थियों से बात नहीं करेंगे उनका अनशन जारी रहेगा।

वहीं बापू की मूर्ति के नीचे बैठकर अनशन करने को लेकर जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। जदयू के प्रवक्ता व विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर के आमरण अनशन पर निशाना साधा है। नीरज कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर का आंदोलन राजनीतिक नाटक से अधिक कुछ नहीं है।

अनशन करने का नैतिक अधिकार नहीं

इस दौरान नीरज कुमार ने ये भी कहा कि शराबबंदी का विरोध करने वाले प्रशांत किशोर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठ कर अनशन करने का नैतिक अधिकार नहीं है। नीरज कुमार ने कहा कि बापू ने शराब के सेवन को पाप की श्रेणी में रखा था। उन्हीं से प्रभावित होकर सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी कानून को लागू किया।

अब प्रशांत किशोर कह रहे कि उनकी सरकार बनी तो शराबबंदी समाप्त कर देंगे। शराब की आमदनी से मिलने वाली राशि को शिक्षा पर खर्च करेंगे। नीरज ने कहा कि असल में प्रशांत किशोर को बेरोजगार छात्रों से कोई सहानुभूति नहीं है। वे विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और सांसद पप्पू यादव के साथ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इन तीनों का उद्देश्य छात्रों-युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है।

पटना के एडीएम भी पहुंचे

आमरण अनशन के दूसरे दिन प्रशांत किशोर के आंदोलन में सहभागिता निभाने के लिए युवाओं की टोली आती-जाती रही। शिक्षाविद केसी सिन्हा भी पहुंचे, जो जसुपा की कोर कमेटी के सदस्य हैं।आते-जाते लोग सरकार विरोधी नारों से गांधी मैदान का वह कोना गूंज उठता, जहां बापू की प्रतिमा के नीचे प्रशांत किशोर ठंड में अनशन पर बैठे हैं। उन्हें मनाने-समझाने के लिए पटना के एडीएम भी पहुंचे।

हर निर्णय उन्हें स्वीकार्य होगा

इस दौरान प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक सीएम नीतीश कुमार बीपीएससी अभ्यर्थियों से स्वयं संवाद नहीं करते, तब तक वे अनशन पर डटे रहेंगे। सीएम से बातचीत के बाद अभ्यर्थी तय करेंगे कि आगे क्या करना है। अभ्यर्थियों का हर निर्णय उन्हें स्वीकार्य होगा।

बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितता के बाद सभी केंद्रों पर पुनर्परीक्षा की मांग भी उनमें से एक है। हालांकि, आयोग द्वारा एक केंद्र की परीक्षा रद करने की घोषणा पहले की कर दी गई थी। शनिवार को पुनर्परीक्षा के लिए उस केंद्र के अभ्यर्थियों को 22 परीक्षा केंद्रों पर बुलाया भी गया है।

आंदोलन वापस नहीं होगा

इसी बीच प्रशासन के लोग प्रशांत किशोर को समझाने का प्रयास कर रहें हैं। प्रशांत किशोर ने एडीएम से कह दिया कि 29 दिसंबर को प्रशासन के कहने पर भी उन्होंने अभ्यर्थियों को धरना समाप्त करने के लिए कहा था। उसके बाद बीपीएससी आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज हुई। अब प्रशासन के कहने पर आंदोलन वापस नहीं होगा। शर्त एक ही है कि मुख्यमंत्री का सकारात्मक हस्तक्षेप हो।

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