Uttar Pradesh

जियाउर्रहमान बर्क को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने संभल हिंसा मामले में कार्रवाई पर लगाई रोक

फटाफट पढ़ें

  • हाईकोर्ट ने सपा सांसद बर्क को राहत दी
  • चार्जशीट और अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगी
  • 24 नवंबर को संभल में हिंसा हुई
  • हिंसा में चार लोग मरे, गाड़ियां फूंकी गईं
  • हाईकोर्ट ने 9 सितंबर को अगली सुनवाई तय की

UP News : उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को संभल हिंसा मामले में बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चल रही अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट से संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही अग्रिम कार्यवाही पर रोक लगा दी है और पुलिस द्वारा दाखिल उस चार्जशीट पर भी रोक लगाई है, जिसमें सांसद का नाम शामिल है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. मामले की अगली 9 सितंबर को होगी

सपा सांसद की तरफ से पक्ष रखने वाले वकील

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की तरफ से पूर्व अपर महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह, विनीत विक्रम और इकबाल अहमद ने पक्ष रखा. जबकि राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा. याचिका में संभल हिंसा के मामले में दाखिल चार्जशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

संभल हिंसा का मामला और चार्जशीट

आपको बता दें कि संभल में पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने इस साल जून में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इस चार्जशीट में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और जामा मस्जिद के सदर जफर अली समेत कुल 23 को आरोपी बनाया गया था.

24 नवंबर 2024 को हिंसा और आगजनी हुई

24 नवंबर 2024 को संभल जिले में कोर्ट के आदेश पर किए जा रहे सर्वे के दौरान बाधा डालने, हिंसा और आगजनी के मामले में कुल 12 एफआईआर दर्ज की गई थीं. इनमें से सात मामले पुलिस की ओर से और पांच जनता की ओर से दर्ज की गई थीं. हिंसा की साजिश से जुड़े मुकदमे संख्या 335/24 के तहत सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.

लोगों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की

गौरतलब है कि संभल की शाही जामा मस्जिद का दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ था. इस दौरान हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. भीड़ ने गाड़ियों को फूंक दिया था. इस मामले में कई उपद्रवियों को जेल भेजा जा चुका है.

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