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‘आशा किरण होम’ मामले का राजस्व मंत्री आतिशी ने लिया संज्ञान, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

Atishi on ‘Asha Kiran Home’ : आशा किरण होम मामले में राजस्व मंत्री आतिशी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए यहां हुई मौतों पर मजिस्टिरियल जाँच के आदेश दिए हैं। साथ ही प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए 48 घंटे की डेडलाइन दी है। इस बाबत प्रेस-कॉन्फ़्रेंस करते हुए राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि, एक महीने में 14 मौतों का होना बेहद गंभीर है। हमनें इस पर मजिस्टिरियल जाँच के आदेश दिए हैं और प्राथमिक जाँच रिपोर्ट के लिए 48 घंटे की डेडलाइन दी गई है। उन्होंने कहा कि, जाँच में किसी भी अफ़सर, डॉक्टर, नर्स, केयर गिवर, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ की लापरवाही पाई जाती है तो उसके ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कारवाई की जाएगी।

बता दे कि, शुरुआतों जानकारी के अनुसार मृतकों में से कई मानसिक दिव्यांगता के अलावा अन्य कई शारीरिक समस्याओं से ग्रसित थे। अभी मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाक़ी है। पोस्टमार्टम और मजिस्टिरियल जाँच रिपोर्ट से मौतों की असल वजह साफ़ होगी।

राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि, “मैं दिल्ली के लोगों को भरोसा दिलाना चाहती हूं, दि कोई भी मौत लापरवाही या ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार से हुई है तो संबंधित अफ़सर को बख्शा नहीं जाएगा।” कहा कि, दिल्ली सरकार का सामाजिक विकास विभाग आशा किरण के नाम से एक शेल्टर होम चलाता है। ये शेल्टर होम मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए है, जहां 980 मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति रहते हैं। यहाँ बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जो दिव्यांगता की गंभीर श्रेणी में हैं और उसके साथ ही अन्य कई शारीरिक समस्याओं से ग्रसित हैं जो बेडरेस्ट पर होते हैं और उनकी पूरी तरह से दूसरों पर निर्भरता होती है।

उन्होंने कहा कि, आशा किरण होम में 24*7 मेडिकल केयर यूनिट मौजूद होता है। जिसमें 6 डॉक्टर और 17 नर्सें शामिल होती हैं। यहाँ 450 केयर-गिवर भी हैं जो 3 शिफ्ट में 24 घंटे काम करते हैं। इस होम में ज़्यादातर बेसहारा लोग होते हैं।  ये खबर सामने आई है कि, जुलाई के महीने में आशा किरण होम में 14 मौतें हुई हैं। मृतकों में से 13 वयस्क हैं। इन 14 मौतों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है। लेकिन शुरुआतों जाँच से पता चला है कि मृतकों में से बहुत मानसिक दिव्यांगता के अलावा अन्य कई शारीरिक समस्याओं से ग्रसित थे।

उन्होंने कहा कि, एक महीने में 14 मौतों का होना बेहद गंभीर बात है। इसे देखते हुए हमनें तुरंत एक मजिस्टिरियल जांच के आदेश दिए हैं और प्राथमिक जांच रिपोर्ट के लिए 48 घंटे की डेडलाइन दी गई है।

उन्होंने कहा कि, ” जाँच में पाया गया कि यदि इनमें से कोई भी मौत लापरवाही या ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार से हुई है तो किसी भी अफ़सर को बख्शा नहीं जाएगा। उनके ऊपर सरकारी कारवाई के अलावा पुलिस द्वारा कारवाई भी की जाएगी। हम पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और मजिस्टिरियल जाँच के प्राथमिक रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। इनके आते ही आगे की कारवाई की जाएगी”.

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