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अफ़ग़ानिस्तान: बेचैनी, जुल्म, तड़प, भगदड़, मौत, दुआ, इंतजार और जिंदगी और यादें..

काबुल: अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे को एक महीना पूरा हो चुका है। इस दौरान इस देश का हरेक शख्स अपने-अपने सहे दर्द से होकर गुज़रा है। इस एक महीने में यहां के लोगों ने डर, बेचैनी, जुल्म, तड़प, भगदड़, मौत, दुआ, इंतजार और जिंदगी, सब भावनाओं को महसूस किया है।

कहीं चीख-पुकार करते लोग, कहीं मां से छीनते बच्चे, कहीं कटींले तारों से जान बचाकर भागते लोग, तो कहीं कटींले तारों के उस पार फेंककर पार कराया जाता नवजात, तो कहीं बैग टाँगे दीवार फांदती छोटी बच्ची, और ब्यूटी पार्लर पर बने सुंदर चेहरों पर पुती कालिख और अपनी जान बचाकर भागते लोग…ऐसी तस्वीरें अफ़ग़ानिस्तान तो क्या पूरी दूनिया नहीं भूला सकती है।

भगदड़ के बाद की तस्वीरें, क्योंकि भगदड़ के बाद अगर कुछ बचा है तो यही है।

दर्द बयां करती तस्वीरें

ये कुछ ऐसीं तस्वीरें हैं, जिनमें हर दर्द समाया है। ये तस्वीरें सबकुछ बयां कर देती हैं। इंसान के जीवन के हर दर्द को दर्शाती है। आतंक, जुल्म, बिछड़ना, अपनों का साथ, हर भाव इस तस्वीर में है जहां एक नवजात को किस तरह कटींले तारों से फंदाया जा रहा है।

कालिख पुती तस्वीरें

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे़ के बाद तालिबानी प्रवक्ता ने महिलाओं को सशक्त बनाने, मंत्रालय में जगह देने तक की बातें कही थी। लेकिन ब्यूटी पार्लर पर छपे इस सुंदर चेहरे पर पुती कालिख कुछ और ही बयां कर रही है।

इस तस्वीर से खूबसूरत शायद ही कुछ और हो सकता है। नवजात को प्यार करता अमेरिकी सैनिक।

ये तस्वीर इतना बयां करने के लिए काफी है कि अफ़ग़ानों पर क्या गुज़री है और आगे भी क्या बीत रही होगी।

अमेरिकी सैनिक यहां से जाने के बाद अपने पीछे कई एयरक्राफ़्ट और हेलिकॉप्टर्स छोड़ गए हैं। हालांकि दावा किया है कि सब ख़राब कर दिए गए हैं ताकि तालिबान उनका इस्तेमाल ना कर सके।

अफ़गानिस्तान से जाने वाला आखिरी अमेरिकी सैनिक और खत्म होता 20 सालों का अध्याय।

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