
Punjab Power Grid: पंजाब के बिजली, उद्योग एवं वाणिज्य, निवेश प्रोत्साहन तथा एनआरआई मामलों के कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने आज कहा कि वर्ष 2025 के दौरान बिजली विभाग ने राज्य में विश्वसनीय बिजली आपूर्ति, उपभोक्ता-अनुकूल सेवाओं और आधुनिक बिजली अवसंरचना के लिए व्यापक सुधार किए हैं।
बिजली कनेक्शन में आसानी एवं उपभोक्ता-अनुकूल सुधार
अरोड़ा ने बताया कि अब पीएसपीसीएल द्वारा बिना किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र (हृह्रष्ट) के बिजली कनेक्शन जारी किए जाएंगे, बशर्ते आवेदक द्वारा अनिवार्य अंडरटेकिंग प्रस्तुत की जाए। बिजली कनेक्शन हेतु आवेदन प्रपत्रों को सरल बनाया गया है तथा रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।
ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस को बढ़ावा देने के लिए पीएसपीसीएल ने कृषि उपभोक्ताओं को छोडक़र सभी श्रेणियों के लिए टेस्ट रिपोर्ट जमा करने और सत्यापन की शर्त समाप्त कर दी है। एलटी श्रेणी में 50 किलोवाट तक लोड के लिए नए कनेक्शन, अतिरिक्त लोड या लोड में कमी हेतु अब किसी भी लाइसेंस प्राप्त ठेकेदार से टेस्ट रिपोर्ट या स्व-प्रमाणन की आवश्यकता नहीं है।
सुरक्षा एवं सौंदर्यीकरण के लिए एक विशेष परियोजना
उन्होंने आगे बताया कि राज्यभर में लटकते तारों को सीधा करने, सडक़ों पर खंभों की संख्या कम करने तथा सुरक्षा एवं सौंदर्यीकरण के लिए एक विशेष परियोजना चल रही है। इसके तहत नई केबलें, वितरण बॉक्स लगाए जा रहे हैं तथा आवश्यकता अनुसार ट्रांसफॉर्मरों का उन्नयन किया जा रहा है। इस परियोजना का पायलट एक सब-डिवीजन में सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है और अब शेष 86 सब-डिवीजनों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली
मंत्री ने दोहराया कि पंजाब सरकार राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं (डीएस श्रेणी) को प्रति माह 300 यूनिट या दो माह में 600 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान कर रही है, जो केवल आवासीय उपयोग हेतु है और स्वीकृत लोड से स्वतंत्र है।
इसके परिणामस्वरूप राज्य के लगभग 90 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल प्राप्त हुए हैं।
कृषि क्षेत्र एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति
पंजाब ने धान सीजन के दौरान कृषि क्षेत्र को प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की। उल्लेखनीय है कि इस अवधि में औद्योगिक, घरेलू या वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर कोई बिजली कटौती नहीं लगाई गई।
₹5,000 करोड़ का पावर इंफ्रास्ट्रक्चर अभियान
‘रोशन पंजाब’ नामक प्रमुख पहल पर प्रकाश डालते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि इस व्यापक कार्यक्रम में ₹5,000 करोड़ का निवेश शामिल है, जिसे आंशिक रूप से संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (क्रष्ठस्स्) के तहत वित्तपोषित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य वर्ष 2027 तक उद्योगों, घरों और खेतों के लिए भविष्य-तैयार और सुदृढ़ बिजली ग्रिड का निर्माण करना है।
रोशन पंजाब के प्रमुख घटक:
सब-स्टेशन सुदृढ़ीकरण
70 नए सब-स्टेशनों का निर्माण
200 मौजूदा सब-स्टेशनों का बड़े स्तर पर उन्नयन
लाइन नेटवर्क विस्तार
क्षमता बढ़ाने और तकनीकी नुकसान कम करने के लिए 25,000 किलोमीटर से अधिक बिजली लाइनों का निर्माण व उन्नयन
फीडर एवं ट्रांसफॉर्मर उन्नयन
2,000 नए फीडरों का जोडऩा तथा 3,000 मौजूदा फीडरों का उन्नयन
3,600 नए वितरण ट्रांसफॉर्मरों की स्थापना
4,300 पुराने ट्रांसफॉर्मरों का उन्नयन, जिससे वोल्टेज स्थिर रहे और स्थानीय खराबियां कम हों
उद्योग-अनुकूल उपाय
मंत्री ने कहा कि मौजूदा औद्योगिक उपभोक्ताओं को अब 15 दिनों के भीतर 10 प्रतिशत तक (या अधिकतम 500 केवीए, जो भी कम हो) अतिरिक्त कॉन्ट्रैक्ट डिमांड की अनुमति दी जा रही है, वह भी तीन वर्षों में एक बार।
इसके अतिरिक्त, 500 केवीए से अधिक और 2000 केवीए तक की मांग के लिए अब किसी भी प्रकार की व्यवहार्यता स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है, जिससे उद्योगों को बिजली कनेक्शन शीघ्र प्राप्त हो सकेगा।
रिकॉर्ड बिजली मांग का सफल प्रबंधन
पंजाब ने 5 जुलाई 2025 को अब तक की सबसे अधिक 16,670 मेगावाट की पीक बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया, जो पिछले वर्ष इसी दिन दर्ज 14,961 मेगावाट की तुलना में 11.42 प्रतिशत अधिक थी।
यह आंकड़ा 28 जून 2025 को दर्ज 16,428 मेगावाट तथा इससे पहले 29 जून 2024 के 16,058 मेगावाट के रिकॉर्ड को भी पार कर गया।
पीएसपीसीएल का सुदृढ़ीकरण एवं रोजगार सृजन
श्री अरोड़ा ने बताया कि वर्ष 2022 से अब तक पीएसपीसीएल/पीएसटीसीएल में 8,984 उम्मीदवारों की भर्ती की गई है, जो सरकार की रोजगार सृजन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वित्त वर्ष 2024-25 में पीएसपीसीएल ने ₹2,630 करोड़ का लाभ अर्जित किया, जिससे इसकी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हुई। साथ ही, कृषि उपभोक्ताओं को छोडक़र डिफॉल्टर उपभोक्ताओं के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ह्रञ्जस्) भी लागू की गई।
गुरु अमरदास थर्मल प्लांट का अधिग्रहण एवं पुनरुद्धार
फरवरी 2024 में पीएसपीसीएल द्वारा अधिग्रहण के बाद गुरु अमरदास थर्मल पावर प्लांट (त्र्रञ्जक्क), गोइंदवाल साहिब में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। जुलाई 2025 में इसका प्लांट लोड फैक्टर लगभग 82 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि अधिग्रहण से पूर्व अप्रैल 2016 से जनवरी 2024 तक यह औसतन केवल 34 प्रतिशत था।
ट्रांसमिशन क्षमता में वृद्धि
पंजाब की ट्रांसमिशन क्षमता अप्रैल 2022 में 7400/8000 मेगावाट से बढक़र अब 10,400/10,900 मेगावाट हो गई है, जिससे राष्ट्रीय ग्रिड से अधिक बिजली आयात संभव हुआ है।
अप्रैल 2025 तक बिजली एवं सिविल कार्यों (आईडीसी सहित) पर ₹4,620.5 करोड़ का व्यय किया जा चुका है।
कर्मचारियों के लिए सुरक्षा, मुआवजा एवं चिकित्सा सुविधाओं में वृद्धि
मंत्री ने बताया कि ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर नियमित कर्मचारियों के लिए अनुग्रह राशि ₹30 लाख से बढ़ाकर ₹35 लाख कर दी गई है।
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मुआवजा ₹30 लाख किया गया है। ड्यूटी के दौरान घायल नियमित कर्मचारियों के लिए चिकित्सा अग्रिम ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख किया गया है। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए ₹3 लाख तक चिकित्सा अग्रिम की सुविधा प्रदान की गई है।
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