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दिल्ली JNU लाइब्रेरी में हिंसा, नई प्रवेश व्यवस्था को लेकर छात्रों में विवाद

JNU Campus Violence : जेएनयू में शनिवार (22 नवंबर) को सेंट्रल लाइब्रेरी में हुई हिंसा के बाद पूरा परिसर गर्मा गया है. नई प्रवेश व्यवस्था का विरोध करने के नाम पर हुई इस घटना ने छात्र संगठनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति पैदा कर दी है. अभाविप ने इसे छात्र विरोधी और अराजक हरकत बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की जेएनयू इकाई ने लाइब्रेरी में हुई घटना की कड़ी निंदा की है. संगठन का आरोप है कि वामपंथी नेतृत्व वाले जेएनयूएसयू और इससे जुड़े छात्र नई प्रवेश व्यवस्था का विरोध करते हुए लाइब्रेरी में घुसे और तोड़फोड़ की. अभाविप का कहना है कि यह सिर्फ विरोध प्रदर्शन नहीं बल्कि शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने की सुनियोजित कोशिश है.

नई नीति पर हिंसा माहौल बिगाड़ना था उद्देश्य

अभाविप ने कहा कि नई प्रवेश व्यवस्था छात्रों की व्यापक सहमति के बिना लागू की गई, जिससे कई छात्रों में नाराजगी थी. लेकिन संगठन के अनुसार, वामपंथी समूहों ने इस मुद्दे पर संवाद करने के बजाय सीधे हिंसा का रास्ता अपनाया, जिससे साफ होता है कि उनका उद्देश्य छात्रों की समस्या उठाना नहीं बल्कि माहैल बिगाड़ना था.

अभाविप ने कहा कि जब भी विश्वविद्यालय में छात्रों के हित में कोई नई व्यवस्था लागू होती है, वामपंथी समूह उसका विरोध करने के लिए सक्रिय हो जाते हैं. संगठन ने आरोप लगाया कि ये कैंपस को राजनीतिक प्रयोगशाला बनाने की पुरानी रणनीति अपना रहे है. अभाविप ने कहा कि जेएनयू की शैक्षणिक परंपरा की रक्षा के लिए ऐसी अराजक गतिविधियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाना जरूरी है.

अभाविप ने छात्रों के सुरक्षित माहौल की मांग की

अभाविप जेएनयू मंत्री प्रवीण पीयूष ने कहा कि लाइब्रेरी में तोड़फोड़ जेएनयू की शैक्षणिक संस्कृति पर हमला है. संगठन छात्रों के सुरक्षित और पढ़ाई-अनुकूल माहौल के लिए लगातार काम करेगा और किसी को भी कैंपस का माहौल बिगाड़ने नहीं देगा. अभाविप ने प्रशासन से मांग की है कि घटना में शामिल लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में नई व्यवस्थाओं से पहले छात्रों से पारदर्शी संवाद किया जाए.

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