Ludhiana Bus Stand Tender Controversy : पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने लुधियाना बस अड्डे के विभिन्न हिस्सों को ठेके पर देने से जुड़ी पक्षपात या अनियमितताओं की खबरों को पूरी तरह गलत और तथ्यहीन बताया है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर जो भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, वह बिल्कुल निराधार और बिना किसी तथ्य के है.
पहले समग्र ठेका, अब अलग-अलग हिस्सों में प्रणाली
भुल्लर ने स्पष्ट किया कि लुधियाना बस अड्डा 10 दिसंबर 2021 से पहले एक समग्र ठेके (ओवर ऑल) पर था, जबकि अब इसके विभिन्न हिस्सों को अलग-अलग ठेकों पर दिया गया है. यह नीति पूर्ववर्ती सरकारों के समय से ही लागू है और पंजाब के अन्य बस अड्डों में भी यही प्रणाली अपनाई जाती रही है.
बस अड्डे का निर्माण और संचालन का इतिहास
परिवहन मंत्री ने बताया कि लुधियाना बस अड्डे का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में वेलसम्पन्न कंपनी द्वारा बी.ओ.टी. (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) आधार पर किया गया था. इस कंपनी ने 2016 तक बस अड्डे का संचालन किया. इसके बाद, वर्ष 2018 में बस अड्डा मैसर्स एल.आर.वाई. कंपनी को एम.ओ.टी. (मेंटेनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) आधार पर ठेके पर दिया गया.
कोरोना काल में अनुबंध निलंबित
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान एल.आर.वाई. कंपनी विभाग को देय कंसेशन फीस जमा नहीं करवा सकी. इस कारण विभाग ने कंपनी का अनुबंध निलंबित कर दिया और 10 दिसंबर 2021 से बस अड्डे का रख-रखाव पनबस द्वारा अपने स्तर पर किया जाने लगा. विभाग द्वारा ही अड्डा शुल्क की वसूली की गई और इस कार्य हेतु डिपो से 15 कर्मचारियों (कंडक्टर व सब-इंस्पेक्टर) को विभिन्न बिंदुओं पर तैनात किया गया. इन कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्च भी विभाग ने ही वहन किया.
आठ बार हुई ई-नीलामी, पूरी प्रक्रिया पारदर्शी
लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि अड्डा शुल्क को ठेके पर देने के लिए मुख्यालय के आदेशानुसार डिपो द्वारा आठ बार ऑनलाइन ई-नीलामी करवाई गई. 1 अगस्त 2025 को हुई नीलामी में कुल चार बोलीदाता शामिल हुए. इनमें से अर्जन यादव एंड कंपनी ने 44,01,000 रुपये + जी.एस.टी. (कुल 51,93,180 रुपये) की सर्वोच्च बोली लगाई. कंपनी ने 1,02,98,340 रुपये की राशि अग्रिम दो किश्तों में डिपो के खाते में जमा करवाई.
ठेका छह माह या नए अनुबंध तक के लिए
यह अनुबंध छह माह की अवधि या समग्र बस अड्डे के ठेके के पुनः लागू होने तक के लिए किया गया है. पूरी ई-नीलामी प्रक्रिया एम.एस.टी.सी. कंपनी द्वारा सरकारी निर्देशों के अनुसार संपन्न की गई. ठेका मिलने के बाद, जो कर्मचारी पहले शुल्क वसूली पर लगाए गए थे, उन्हें उनकी नियमित ड्यूटी पर वापस भेज दिया गया है.
1 नवंबर 2025 से नई कंपनी ने संभाला कार्य
परिवहन मंत्री ने आगे बताया कि दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने कुल आठ बार ई-नीलामी की. इनमें 1 अगस्त 2025 की नीलामी में अर्जन यादव एंड कंपनी (#156, न्यू ग्रेन मार्केट, सलीम टबरी, लुधियाना-141008) सर्वोच्च बोलीदाता के रूप में उभरी. सभी औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद, ठेकेदार ने 1 नवंबर 2025 से बस अड्डे की फीस वसूली का कार्य संभाल लिया है.
“पूरा कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया”
लालजीत सिंह भुल्लर ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि पूरा कार्य पूर्ण पारदर्शिता और नियमों के अनुसार किया गया है. अड्डा शुल्क वसूली को आउटसोर्स करने का निर्णय प्रशासनिक बोझ घटाने, दक्षता बढ़ाने और सरकारी खजाने के लिए राजस्व में वृद्धि के उद्देश्य से लिया गया है. उन्होंने जनता से अपील की कि वे झूठे प्रचारों से गुमराह न हों क्योंकि पंजाब सरकार पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ जनता की सेवा करती रहेगी.
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