
UP: अलीगढ़ की पहचान ताला तालीम और तहसीब के लिए की जाती है। ताला उद्योग होने का गर्व भी अलीगढ़ के पास है। वहां हिन्दू मुस्लिम समेत हर समुदाय के लोग ताला कारोबार से जुड़े हुए हैं और साथ काम करते हैं। हर साल वहां करीब पांच हजार से ज्यादा छोटी इकाइयां 40,000 करोड़ का कारोबार करती हैं।अलीगढ़ के तालों की डिमांड देश से लेकर विदेशों तक है। वहां पहले पीतल के ताले बनाए जाते थे।
UP: बनते है इतने तरह के ताले
लेकिन अब स्टील का इस्तेमाल कर नया लुक दिया जा रहा है। कच्चे माल और ऊर्जा की सरल उपलब्ध्ता के कारण अलीगढ़ व्यापार का केन्द्र बनकर उभरा है। अलीगढ़ में पैड लॉक, डोर लॉक, मल्टी स्लॉट, साइकिल लॉक, पजल लॉक, हथकड़ी, तीन चाबी वाले ताले, दरवाजे के ताले, साइकिल के ताले, समेत और भी कई तरह के ताले बनाए जाते हैं। अंग्रेज भी जेल में लगाने के लिए अलीगढ़ का ताला इस्तेमाल करते थे। आयरन पैड लॉक की खासियत है कि पावर कोडिंग के साथ हैंड मेड होते हैं। ताले की लीवर और स्प्रिंग पीतल की होती है। आयरन पैड लॉक सिर्फ अलीगढ़ में निर्मित होते हैं। इसलिए अलीगढ़ के ताले दुनियाभर में मशहूर हैं।
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