बिहारः ग्रामीण चिकित्सक लामबंद…बोले, सरकार करे समायोजन

Rural Doctors Protest

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Rural Doctors Protest: बिहार में बीपीएससी बहाली का नियुक्ति पत्र वितरण समारोह संपन्न ही हुआ था कि अब ग्रामीण चिकित्सकों ने समायोजन के लिए झंडा बुलंद कर दिया है। चिकित्सकों का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि यदि वह CCH कोर्स कर लेते हैं तो उनका समायोजन किया जाएगा लेकिन कोर्स करने के बाद भी अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। चिकित्सक समायोजन की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। उनकी मांग है कि उन्हें भी सरकारी चिकित्सक का दर्जा दिया जाए।

Rural Doctors Protest: राजद कार्यालय का किया घेराव

राजद कार्यालय का घेराव करते हुए चिकित्सकों ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हम इन दरवाजों को नहीं छोड़ेंगे। बहुत भटक चुके लेकिन अब आर पार की लड़ाई होगी। अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं सुनी, हमारी बातें नहीं मानी गईं तो आने वाले 2024 और 25 में सरकार को भुगतना पड़ेगा।

Rural Doctors Protest: ‘शिक्षक, रसोइया को किया बहाल, हमें भी करें’

एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि हम लोग बहुत विश्वास लेकर आए हैं। हमारी मांग है कि जिस तरह शिक्षक, रसोइया, जीविका दादी, आशा को बहाल का किया गया है उसकी तरह हमें भी स्वास्थ्य में बहाल किया जाए। हमें भी नियुक्तिपत्र मिले। एक अन्य प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि जैसे सरकार ने झटपट वाली बात बोली है तो हमें भी बहाल करें।

Rural Doctors Protest: ‘मांगें नहीं मानी तो परिणाम भुगतने को रहें तैयार’

ग्रामीण चिकित्सक प्रदेश संरक्षक, डा. प्रियरंजन किशोर ने कहा कि 21 हजार प्रशिक्षित ग्रामीण चिकित्सक हैं। इन्हें सीएम द्वारा प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र दिया गया है। वहीं 30 हजार चिकित्सकों का अभी तक न तो एग्जाम हुआ है और न ही प्रमाणपत्र मिला है। पूरे बिहार में छह लाख ग्रामीण चिकित्सक हैं। वो उग्र हैं। अगर सरकार ने समायोजन नहीं किया तो आने वाले लोकसभा चुनाव में वे इसका परिणाम भुगतने को तैयार रहें। 2025 के विधानसभा चुनाव में भी प्रतिकूल परिणामों के लिए तैयार रहें।

रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार

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