
जगजीत सिंह ही थे जिन्होंने गजलों को सरगमों में पिरोकर लोगों तक पहुंचाया। आज उनका जन्मदिन है। आंखों में नमी हंसी लबों पर क्या हाल है क्या दिखा रहे हो। किसी ने सोचा भी नहीं था कि गीतों में पिरोकर जब इसे पेश किया जाएगा तो ये दिल टूटे आशिकों और अकेलेपन में जी रहे लोगों का एंथम बन जाएगा। आइए उस दौर में चलते हैं उनकी लव स्टोरी उनकी गायकी की तरह ही बेमिसाल थी। जहां चिट्ठियां हुआ करती थीं और बातें इशारों ही इशारों में कह दी जाती थी।

जगजीत सिंह के प्यार का किस्सा भी बेहद मशहूर है। जगजीत सिंह का दिल चित्रा सिंह पर आया। चित्रा सिंह मुबंई में रहती वहां सामने वाले घर मे जगजीत का आना-जाना लगा रहता था। पहली बार उसी घर से जगजीत की आवाज सुनाई दी, लेकिन चित्रा को जगजीत की गायिकी पसंद नहीं आई।
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो
आंखों में नमी हंसी लबों पर
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
बन जाएंगे ज़हर पीते पीते
ये अश्क जो पीते जा रहे हो
जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है
तुम क्यूं उन्हें छेड़े जा रहे हो
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो