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बजरंग दल ने वात्स्यायन रचित ‘कामसूत्र’ में लगाई आग, बोले- ‘जारी रही बिक्री तो दुकान के साथ जलाएंगे किताब’

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद जिले में बजरंग दल ने ‘कामसूत्र’ नामक एक किताब को जला दिया है। उन्होंने ये किताब अहमदाबाद के एसजी हाइवे पर स्थित लेटीट्युट नामक एक दुकान के बाहर जलाई। बजरंग दल के संयोजक जवलित महेता ने किताब के साथ एक वीडियो भी बनाया। जिसमें उन्होंने कहा कि “इस किताब में कामसूत्र के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें इस्तेमाल की गई हैं, जो जरा भी बरदाश्त नहीं किया जाएगा।“ साथ ही उन्होंने धमकी भी दी, कि “इस बार तो केवल किताब जलाई है, वो भी दुकान के बाहर, लेकिन अगर आगे भी इस किताब की बिक्री ज़ारी रही, तो दुकान के साथ किताब को जलाएंगे।“

गृहस्थों को जीने की कला सिखाती है ‘कामसूत्र’

गौरतलब है, कि ‘कामसूत्र’ करीब ढ़ाई हजार वर्ष पूर्व आचार्य वात्स्यायन द्वारा रचित एक प्राचीन ग्रंथ है। जिसमें गृहस्थों को सुखपूर्वक जीने की कला, प्रेम की प्रकृति, एक अच्छे जीवन साथी की खोज, जीवन में प्रेम को बनाए रखने की कला, और मनुष्य के जीवन के अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं, गृहस्थों की जिंदगी में आने वाली समस्याओं, उनके समाधानों आदि की विस्तृत व्याख्या की गई है।

खजुराहो, कोणार्क की चित्रकलाएं ‘कामसूत्र’ से हैं प्रेरित

पूरे विश्व में कई भाषाओं में इसका अनुवाद किया जा चुका है। इन विषयों को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए चित्रों का सहारा लिया गया है। राजस्थान की दुर्लभ यौन चित्रकारी, खजुराहो, कोणार्क आदि की शिल्पकला भी कामसूत्र से ही प्रेरित है। ऐसा माना जाता है कि मुनि वात्स्यायन ने कड़ी तपस्या, ब्रह्मचर्य और परम समाधि के जरिये गृहस्थों के सुखपूर्वक जीवन निर्वाह के उद्देश्य से इस ग्रंथ की रचना की थी।

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