
गुवाहाटी: सोमवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि कोई अगर पुलिस का हथियार लेकर भागना चाहता है जो पहले बलात्कारी भी है, पुलिस को उसकी छाती पर गोली मारने की ज़रूरत नही है, लेकिन उसके पैरों पर गोली मार सकते हैं। यह तो क़ानून भी कहता है तो उसमें असम पुलिस को डरने की ज़रूरत नही है।
आज मुझे किसी ने कहा कि पिछले कई दिनों से पुलिस कस्टडी से अपराधी भाग गया, फिर उसको गोली मारी गई, यह पैटर्न हो गया है क्या। मैंंने कहा कि यही तो पैटर्न होना चाहिए: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, गुवाहाटी में (5-07-2021) pic.twitter.com/MHaHnAN7MO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 6, 2021
आगे उन्होनें कहा कि आज मुझे किसी ने कहा कि पिछले कई दिनों से पुलिस कस्टडी से अपराधी भाग गया, फिर उसको गोली मारी गई, यह पैटर्न हो गया है क्या। मैंने कहा कि यही तो पैटर्न होना चाहिए। बता दें कि मुख्यमंत्री सरमा ने पहली बार राज्य के सभी पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में निर्देश जारी किए। इसके अलावा वह बोलें कि अगर फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने में देर होती है तो नमूनों को राज्य के बाहर स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजा जा सकता है। सरमा ने कहा कि इसके लिए देश की 4-5 बड़ी प्रयोगशालाओं के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
CM हिमंत बिस्व सरमा ने पुलिस मुठभेड़ों को ठहराया उचित
हिमंत बिस्व सरमा बोले कि कि अपराधी अगर भागने की कोशिश करता है या गोलीबारी करने के लिए पुलिस से हथियार छीनता है तो एनकाउंटर का पैटर्न अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में बलात्कार, हत्या, मादक पदार्थ, उगाही और हथियारों के सभी लंबित मामलों की जांच अगले छह महीने में पूरी की जाए और आरोप पत्र दायर किए जाएं।