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वीरेंद्र सहवाग के ‘India’ हटाने की माँग पर विरोध होने पर बोले – राजनीति में रुचि नहीं

वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि इंडिया नाम हमें अंग्रेजों ने दिया था, इसे बदल कर भारत कर दिया जाए। हमें मूल नाम भारत वापस पाने में लंबा समय लग गया है। भारत नाम हमें गर्व का एहसास कराता है। वीरू ने अपील की है कि विश्व कप में प्लेयर्स इंडिया नहीं बल्कि भारत लिखी जर्सी पहनकर मैदान पर उतरें। टीम इंडिया का नाम बदलकर टीम भारत कर दिया जाए।

सहवाग ने कहा है कि इस विश्व कप में जब हम विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा के लिए चीयर कर रहे हैं, तो उम्मीद है कि हमारे दिल में भारत हो और खिलाड़ी जर्सी पहनें जिस पर भारत लिखा हो। वीरेंद्र सहवाग ने यह मांग BCCI सेक्रेटरी जय शाह से की है। इस डिमांड के बाद वीरेंद्र सहवाग की आलोचना शुरू हो गई। आलोचकों के द्वारा कहा गया कि वह सांसद बनने के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।

वीरेंद्र सहवाग ने इन आरोपों पर कहा है कि मुझे राजनीति में कोई रुचि नहीं है। दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों में कुछ अच्छे लोग हैं और कुछ अयोग्य लोग हैं। अगर मुझे राजनीति करनी होती, तो मैं अब तक पॉलिटिक्स में उतर चुका होता। अंतिम दोनों लोकसभा चुनाव में मुझे दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था।

 अगर मुझे चुनाव जीतना होता, तो मेरी क्रिकेट फील्ड की उपलब्धियां ही मुझे इलेक्शन जिता देतीं। मुझे दूसरे मुद्दों की दरकार नहीं होती। मैं इंडिया का नाम भारत काफी पहले से होते हुए देखना चाहता हूं। इसमें मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है। यह मेरी दिली ख्वाहिश है। मुझे लगता है कि भारत नाम हमें गौरव से भर देता है। मैं यह बयान किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं दे रहा हूं।

सहवाग ने कहा है कि कुछ लोग भारत नाम से असुरक्षित महसूस करते हैं। जहां तक विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की बात है, वे चाहें तो इसका नाम बदलकर भारत कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा भी निकली थी। मुझे चुनावी नतीजों से कोई मतलब नहीं है। उम्मीद है कि जो सर्वश्रेष्ठ होगा, वही जीतेगा। अगर इंडिया का नाम बदलकर भारत कर दिया जाए, तो मुझे बहुत संतोष मिलेगा।

जब आलोचकों ने कहा कि जिस वक्त भारतीय महिला पहलवान ठंड में सड़कों पर थीं, तब आपने उनके समर्थन में आवाज नहीं उठाई थी। जवाब में सहवाग ने अपना पुराना ट्वीट दिखाया, जहां उन्होंने पहलवानों के समर्थन में अपनी बात रखी थी। वीरेंद्र सहवाग ने खुद को राजनीति के मामले में निष्पक्ष बताया। वीरू ने कहा कि वह इंडियन प्लेयर्स की छाती पर भारत लिखा देखना चाहते हैं।

इंडिया का नाम भारत करने की डिमांड पर किसी ने वीरेंद्र सहवाग से कह दिया कि आपको गौतम गंभीर से पहले ही सांसद बन जाना चाहिए था। इस पर सहवाग ने लिखा कि मेरा मानना है अधिकांश इंटरटेनर्स या खिलाड़ियों को राजनीति में नहीं आना चाहिए। क्योंकि वहां अधिकांश अपने अहंकार और सत्ता की भूख के लिए हैं और लोगों के लिए मुश्किल से ही समय निकाल पाते हैं। कुछ जरूर अपवाद हैं, लेकिन आम तौर पर ज्यादातर केवल पीआर करते हैं।

मुझे क्रिकेट से जुड़ना और कमेंट्री करना पसंद है। सुविधा के अनुसार पार्ट-टाइम एमपी बनने की मैं कभी इच्छा करता हूं। मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि इंडिया का नाम भारत कर दिया जाए। भारत नाम हमें अंग्रेजों की मानसिक गुलामी से मुक्त करेगा।

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