UP News : 24 नवंबर 2024 की तारीख संभल के लिए एक काले दिन के रूप में याद की जाती है। उस दिनों शहर की सड़कों पर तनाव, आगजनी और हिंसा का साया था। लेकिन वह अंधेरा जल्द ही एक उज्जवल सवेरे में तब्दील हो गया, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने शहर के पुनर्निर्माण और विकास के लिए कदम उठाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त कदम
योगी सरकार ने हिंसा के तुरंत बाद संभल को संभालने की जिम्मेदारी ली और साफ संदेश दिया कि जो कानून से खिलवाड़ करेंगे, उन पर सख्ती की जाएगी। वहीं, आम जनता और शहर को विकास का पूरा हक मिलेगा। इस दिशा में सरकार ने विभिन्न फैसले लिए, जिनका शहर पर सकारात्मक असर पड़ा।
423 करोड़ रुपए की ऐतिहासिक घोषणा
मुख्यमंत्री ने संभल के तीर्थ स्थलों और धार्मिक धरोहरों के संरक्षण एवं विकास के लिए 423 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक घोषणा की। यह कदम शहर की पहचान को दंगों से नहीं, बल्कि उसकी हजारों साल पुरानी सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए था।

अटल बिहारी वाजपेई स्मृति उद्यान का उद्घाटन
संभल में बदलाव की सबसे सशक्त तस्वीर अटल बिहारी वाजपेई स्मृति उद्यान के रूप में सामने आई है। 25 दिसंबर को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर इस उद्यान का भव्य लोकार्पण किया जाएगा। यह वही स्थल है, जहां 1971 में अटल बिहारी वाजपेई ने जनसभा को संबोधित किया था।
शहर की तस्वीर बदली
योगी सरकार के सख्त प्रशासनिक रुख ने इस ऐतिहासिक स्थल पर अवैध कब्जों को हटाया और इसे मुक्त कराया। इसके बाद वहां अटल जी की स्मृतियों को सहेजने वाला यह उद्यान आकार ले सका। 17 लाख रुपये की लागत से बने इस स्मृति उद्यान ने इलाके की तस्वीर बदल दी है।

नई व्यवस्था और सुरक्षा में सुधार
हिंसा के बाद संभल में केवल निर्माण कार्य ही नहीं हुआ, बल्कि प्रशासन का एजेंडा भी बदला। सुरक्षा को लेकर सख्ती बढ़ाई गई, सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और शहर की निगरानी को मजबूत किया गया। साथ ही, महापुरुषों की प्रतिमाओं की स्थापना और स्मृति स्थलों का निर्माण किया गया, जो यह संकेत देते हैं कि संभल को अब विवादों से नहीं, बल्कि विरासत और विकास के रास्ते पर ले जाया जा रहा है।
योगी सरकार का विकास एजेंडा
संभल में हो रहे इन कार्यों से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति में कठोर कानून व्यवस्था और तेज विकास दोनों का संगम है। सरकार ने साफ किया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन शहर को विकास के रास्ते पर भी लाया जाएगा। 423 करोड़ रुपये की विकास योजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि योगी सरकार ने संभल के भविष्य को लेकर बड़ा कदम उठाया है।
संभल की नई पहचान
आज, संभल धीरे-धीरे उस छवि से बाहर निकल रहा है, जो 24 नवंबर की हिंसा के बाद बनी थी। अब शहर की पहचान अटल बिहारी वाजपेई स्मृति उद्यान, संवरते तीर्थ स्थल और संरक्षित ऐतिहासिक धरोहरें बन रही हैं। यह बदलाव केवल ईंट-पत्थर का नहीं, बल्कि सोच का है। संभल अब विकास, आस्था और राष्ट्रवादी विरासत की ओर बढ़ रहा है, और इसके पीछे योगी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति का असर साफ दिखाई दे रहा है।
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