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UP News: विधानसभा सचिवालय ने वापस लिया कांग्रेस और बसपा को आवंटित ऑफिस, सपा को मिला दफ्तर

UP News: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में लंबे समय से आवंटित कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी का ऑफिस वापस ले लिया गया है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। तो वहीं बसपा का भी कार्यालय विधानसभा सचिवालय ने वापस ले लिया है। लेकिन यूपी विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी सपा के लिए अच्छी खबर है। सपा को विधानसभा सचिवालय की ओर से बड़ा दफ्तर आवंटित किया गया है। कांग्रेस और बसपा से दफ्तर वापस लेने के पीछे संख्या बल में कमी बताई गई है।

UP News: कांग्रेस के लिए पहली बार ऐसा अनुभव 

बता दें कि कांग्रेस पार्टी के इतिहास में पहली बार हुआ है जब सबसे बड़े राज्य के विधान मंडल में आवंटित ऑफिस वापस ले लिया गया है। साथ ही बसपा का भी ऑफिस वापस ले लिया गया है। ऑफिस वापस लेने के पीछे दिए गए तर्क पर बात करे तो साल 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव में बसपा ने मात्र सीट पर विजय का पताका फहराया। तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने दो सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई। दूसरी ओर देख जाए तो लोकदल और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा, बसपा और कांग्रेस से बड़ी पार्टी बन चुकी है। इसको देखते हुए सुभासपा और आरएलडी को सचिवालय की ओर से कैबिन आवंटित किए गए हैं। जबकी विधानसभा सचिवालय की ओर से लिए गए निर्णय को लेकर कांग्रेस, बसपा के नेताओं में नाराजगी है।

क्या है ऑफिस आवंटन संबंधित नियम ?

किसी भी पार्टी के लिए विधान मंडल में ऑफिस आवटंन संबंधित कुछ नियम बनाए गए हैं जिसके अनुसार विधानसभा सदस्य नियमावली 1987 की धारा 157 (2) ये कहती है कि ऐसे दल जिनकी विधानमंडल में सदस्य संख्या 25 या उससे अधिक है उन्हें सचिवालय द्वारा कक्ष, चपरासी, टेलीफोन आदि आवंटित किए जाएंगे। तो वहीं नियमावली के अनुसार 25 से कम सदस्य वाले पार्टी को ऐसी सुविधा का हकदार नहीं होंगे।

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