पुतिन की ‘आंशिक तैनाती’ की घोषणा का दिख रहा असर, देश छोड़कर भाग रहे रूसी

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Moscow: रूस-यूक्रेन युद्ध को आज सात महीने पूरे हो चुके हैं। बीते सात महीनों से रूस की जनता अपने राष्ट्रपति के हर फैसलें में उनके साथ खड़ी रही लेकिन अब व्लादिमीर पुतिन के एक फैसलें ने हड़कंप मचा दिया है। दरअसल, पुतिन ने कुछ दिनों पहले यूक्रेन के खिलाफ 3 लाख रिजर्व सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की थी। लेकिन इसके बाद से बड़ी संख्या में रूस के नागरिक देश छोड़कर भागने की फिराक में है। देश की सीमा से बाहर जाने के लिए लोग सड़क और हवाई मार्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं। साफ दिख रहा है कि लोग यूक्रेन के खिलाफ पुतिन की बर्बर कार्रवाई का हिस्सा नहीं बनना चाहते। लोगों को भागने से रोकने के लिए एयरलाइंस ने बिना रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के 18 से 65 साल के नागरिकों को फ्लाइट टिकट बेचने से इनकार दिया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार रुस के रिजर्व सैनिकों में शामिल इवान ने गुरुवार को अपना देश छोड़ दिया था। बदा दें कि वो बेलारूस जा रहे हैं। उनका कहना है, ‘जो कुछ भी हो रहा है मैं उसका समर्थन नहीं करता हूं इसलिए मैंने वहां से निकलने का फैसला किया है।’ बताया जा रहा है कि इवान ने कहा, ‘मुझे ऐसा महसूस हुआ कि दरवाजे बंद हो रहे हैं और अगर अभी मैं यहां से नहीं निकला तो बाद में मैं नहीं जा पाऊंगा।’ वह अपने एक दोस्त के बारे में सोच रहे थे जो अपने दो बच्चों के साथ देश छोड़कर भागने में असमर्थ है।

साइकिल, बस से भी बॉर्डर पार करने को तैयार

इसी तरह गुरुवार को बस से रुस के जॉर्जिया पहुंचे 29 साल के एलेक्सी ने अपने फैसले के पीछे अपनी जड़ों को बताया और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि मेरा आधा परिवार यूक्रेनी है, और मैं अब रिजर्व में शामिल नहीं हूं। क्योंकि यूक्रेन युद्ध में पुतिन को लगातार झटके मिल रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि रिजर्व सैनिकों की आंशिक तैनाती इस लड़ाई का रुख बदल सकती है। लेकिन रुसी राष्ट्रपति की इस घोषणा ने लोगों में खलबली मचा दी है, इससे अब लोग ये सोच रहे कि देश से बाहर जाने वाले साधनों में सीट कैसे मिल सकती है इनमें से कुछ तो साइकल से ही बॉर्डर पार करने की सोच रहे है। क्योंकि रुस लगने वाले देशों की सीमाओं पर गाडियों की लंबी कतारे देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि वहां पर लोग पीछलें 10 घंटो से फसे हुए है