बड़ी ख़बर

कौन है तहव्वुर राणा, जिसको अमेरिका ने दी प्रत्यर्पण की मंजूरी, भारत लाने के बाद क्या होगा उसका, जानें सबकुछ

Tahawwur Rana extradition : 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा का नाम इस नृशंस हमले से जुड़ा हुआ है, जिसने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। पाकिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा की गई इस साजिश ने मुंबई में हाहाकार मचा दिया। अत्याधुनिक हथियारों से लैस इन आतंकियों ने मुंबई के प्रमुख स्थानों पर हमला किया, जिसमें 160 से अधिक निर्दोष लोगों की जान चली गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले को भारत और दुनिया ने एक बर्बर आतंकी कृत्य के रूप में देखा। आज इस लेख में हम जानेंगे कि तहव्वुर राणा कौन था, कैसे अमेरिका ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी, और उसे भारत लाने के बाद आगे की प्रक्रिया क्या होगी।

तहव्वुर हुसैन राणा कौन है?

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जो 12 फरवरी 1961 को पाकिस्तान के चिचावतनी, पंजाब में पैदा हुआ। उसने पाकिस्तान में चिकित्सा की पढ़ाई की और सेना में डॉक्टर के रूप में काम किया। इसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ शिकागो (अमेरिका) शिफ्ट हो गया, जहां उसने इमिग्रेशन सेवाओं का व्यवसाय शुरू किया और साथ ही साथ कनाडा की नागरिकता भी प्राप्त की। राणा का डेविड कोलमेन हेडली से गहरा संबंध था, जो 26/11 हमले का प्रमुख साजिशकर्ता था। हेडली और राणा स्कूल के दिनों से दोस्त थे, और बाद में हेडली ने स्वीकार किया था कि वह लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा था।

हेडली को भारत में बिजनेस वीजा दिलवाया

राणा पर आरोप है कि उसने हेडली को मुंबई में आतंकी हमले के लिए लक्ष्य स्थल की पहचान करने में मदद की थी। अपनी इमिग्रेशन फर्म के जरिए उसने हेडली को भारत में बिजनेस वीजा दिलवाया, जिसका इस्तेमाल हेडली ने हमले की योजना बनाने के लिए किया। हेडली ने मुंबई के ताज होटल, नरीमन हाउस, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की वीडियो रिकॉर्डिंग की थी, और राणा को इसके बारे में पूरी जानकारी थी। राणा ने पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों के प्रमुखों जैसे हाफिज सईद, जाकिर उर रहमान लखवी, और मेजर इकबाल की मदद से मुंबई हमलों की साजिश को बढ़ावा दिया था।

2011 में चार्जशीट और गिरफ्तारी

भारत ने 26/11 हमले में राणा की संलिप्तता के आधार पर उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की मांग की थी। 2011 में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राणा और डेविड हेडली के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें आतंकवाद, हत्या और साजिश के गंभीर आरोप थे। राणा को 2009 में अमेरिकी एफबीआई ने शिकागो में गिरफ्तार किया था, और 2011 में उसे लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने के आरोप में 14 साल की सजा सुनाई गई थी।

प्रत्यर्पण की मंजूरी

16 मई 2023 को कैलिफोर्निया की मजिस्ट्रेट जज ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी। अदालत ने भारत द्वारा प्रस्तुत पर्याप्त सबूतों को स्वीकार किया, और कहा कि ये सबूत “संभावित कारण” प्रस्तुत करते हैं कि राणा ने अपराध किए। 21 जनवरी 2025 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की अंतिम अपील खारिज कर दी, जिससे प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ा।

प्रत्यर्पण की घोषणा और कानूनी प्रक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 13 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्हाइट हाउस में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राणा के प्रत्यर्पण की घोषणा की। राणा ने इसके बाद मार्च 2025 में सुप्रीम कोर्ट में एक आपातकालीन याचिका दायर की, जिसमें उसने भारत में अपनी जान को खतरे का दावा किया। हालांकि, जस्टिस एलेना कागन ने इसे खारिज कर दिया और इसके बाद 6 मार्च 2025 को उच्चतम न्यायालय ने उसकी याचिका भी नकार दी, जिससे प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया।

प्रत्यर्पण के बाद क्या होगा?

तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद, उसे भारतीय कानून के अनुसार हिरासत में लिया जाएगा। उसे एनआईए के हवाले किया जाएगा और संभावित रूप से तिहाड़ या आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा, जहां उसकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। एनआईए की विशेष अदालत में राणा की पेशी होगी, जहां उसे अदालत में पेश किया जाएगा और उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। एनआईए और अन्य खुफिया एजेंसियां राणा से गहन पूछताछ कर सकती हैं, ताकि मुंबई हमले की साजिश के अन्य पहलुओं और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की संलिप्तता के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।

भारत की कूटनीतिक और न्यायिक सफलता का प्रतीक

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत की कूटनीतिक और न्यायिक सफलता का प्रतीक है। यह सुनिश्चित करता है कि 26/11 के हमले के अपराधियों को न्याय का सामना करना पड़ेगा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को विश्व भर में मजबूत करेगा। अब जब राणा भारत में होगा, तो उसे एक नई कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा, जो आतंकवाद के खिलाफ देश की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें : पोषण पखवाड़ा 2025 का 7वां संस्करण आज से शुरू, जानें क्या है इस साल की थीम

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button