
भगवान शनि देव 5 जून को कुंभ राशि में वक्री होने वाले हैं. जिसके बाद भगवान शनिदेव की चाल सवा तीन बजे उल्टी हो जाएगी. इसके बाद 23 अक्टूबर 2022 तक शनिदेव उल्टी चाल चलेंगे. शनिदेव की चाल को लेकर ज्योतिषियों का कहना है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है. इससे शनि की साढ़े साती, ढैया और गोचर की स्थिति बदल जाएगी. शनि की उल्टी चाल का असर 8 राशियों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा.
शनि की बदल जाएगी चाल
जानकारी के लिए बता दे कि, इस समय मकर, कुम्भ और मीन राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है. शनि के वक्री होते ही धनु राशि पर साढ़े साती जैसी स्थिति बन जाएगी. कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. ऐसे में मिथुन और तुला राशि में फिर से शनि की ढैय्या जैसी स्थिति बन जाएगी. भगवान शनि दोबारा से पूर्ण रूप से कुंभ राशि में 18 जनवरी के बाद ही आ पाएंगे.
इन तीन राशियों पर चढ़ेगी ढैया
मिथुन
भगवान शनि के वक्री होते ही मिथुन राशि पर ढैय्या का असर दिखने लगेगा. मिथुन जातकों के करियर में बाधा उत्पन्न हो जाएगी. व्यर्थ के विवाद में पड़ने से बचें. संतान पक्ष की चिंता रहेगी. स्वास्थ्य का ख्याल रखें. ढैय्या को टालने के लिए भगवान शनिदेव की पूजा करें और शनि वाले दिन दान पुण्य आदि करें.
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भी ढैय्या जैसी स्थिति बन जाएगी. जिससे सफल कार्यों में बाधा नी शुरू हो जाएगी. चढ़ते करियर में कुछ परिवर्तन होने लगेंगे. नौकरी-व्यापार में भी घाटा होने लगेगा. लेकिन धन लाभ भी होगा.
धनु
शनि के वक्री होते ही धनु राशि में साढ़े साती जैसी स्थिति बनेगी. सफल कार्यों में बाधा पैदा होगी. शनि की ढैया से बचने के लिए शनि व्रत और दान पुण्य करना होगा.