
Rajnath Singh Speech : लोकसभा में जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने “ऑपरेशन सिंदूर” पर बोलना शुरू किया, तो माहौल गंभीर भी था और गर्व से भरा हुआ भी था. उन्होंने न सिर्फ पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए चर्चा की, बल्कि विपक्ष को भी साफ शब्दों में समझा दिया कि देश की सुरक्षा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. इस चर्चा में उन्होंने वो सब कहा, जो देश के हर नागरिक के दिल में था कि हमारी सेना ने अपना काम कैसे बखूबी किया है और अगर दुश्मन दोबारा गलती करेगा, तो जवाब और भी ज्यादा जोरदार दिया जाएगा.
“कितने विमान गिरे” सवाल ही गलत है: राजनाथ
वहीं जब विपक्ष द्वारा पूछा गया कि भारत के कितने लड़ाकू विमान ऑपरेशन में क्षतिग्रस्त हुए, इस पर रक्षा मंत्री ने कहा, “ये सवाल ही गलत है. कभी किसी ने ये नहीं पूछा कि हमने पाकिस्तान के कितने विमान गिराए हैं. जब उद्देश्य बड़ा हो, तो छोटे मुद्दों पर सवाल नहीं किए जाते”
इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि यह देश की सेना के मनोबल को गिराने की कोशिश है, जबकि सच्चाई यह है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने एकजुट होकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है.
ऑपरेशन के लक्ष्य पूरे हुए, तभी रोका गया
राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर न तो किसी दबाव में रोका गया, न ही जल्दबाजी में
उन्होंने कहा..
“ऑपरेशन के सभी राजनीतिक और सैन्य लक्ष्य पूरे होने के बाद ही उसे रोका गया।”
हालांकि इस बात का भी खुलासा किया कि पाकिस्तान ने खुद हमारे DGMO से संपर्क कर आग्रह किया था कि कार्रवाई रोकी जाए. जब भारत ने ये शर्त रखी कि भविष्य में कभी पाकिस्तान इस तरह का दुस्साहस करता है, तो ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया जाएगा.
100 से अधिक आतंकियों का हुआ सफाया
राजनाथ सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना के तीनों अंगों जैसे, थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने साझा रूप से कार्रवाई को अंजाम दिया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी को मार गिराया गया.
“1962 और 1971 में नहीं पूछा था ऐसे सवाल”
रक्षा मंत्री ने इतिहास पर नजर डालते हुए कहा कि, 1962 और 1971 के युद्धों में जब वह विपक्ष में थे, तब कभी सेना के टैंकों या विमानों की संख्या पर सवाल नहीं उठाया गया.
“परीक्षा में पेंसिल टूटी या पेन खत्म हुआ, ये नहीं गिना जाता.. परिणाम मायने रखता है।”
जाहीर है कि राजनाथ सिंह का बयान साफ दिखाता है कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य ताकत और राजनीतिक संकल्प का प्रतीक बना है. इतना ही नहीं विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों को नकारते हुए उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत अब हर हमले का निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है.