PMO Seva Teerth : केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया है। अब देश के सभी राज्य भवन ‘लोक भवन’ कहलाएंगे और केंद्रीय सचिवालय का नया नाम ‘कर्तव्य भवन’ होगा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने बताया कि ये बदलाव सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक बदलाव का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया कि सरकार “सत्ता से सेवा” की सोच की ओर बढ़ रही है।
प्रमुख नीतियां और प्राथमिकताएं तय होंगी
अधिकारियों ने बताया कि सेवा तीर्थ ऐसा कार्यस्थल होगा जिसे सेवा की भावना के साथ डिजाइन किया जा रहा है और जहां देश की प्रमुख नीतियां और प्राथमिकताएं तय होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सरकारी संस्थानों में एक “शांत लेकिन बड़ा बदलाव” देखा जा रहा है।
विदेशी मेहमानों के साथ मीटिंग्स की जगह
नई व्यवस्था के तहत ‘एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव’ में पीएमओ के अलावा कैबिनेट सचिवालय, नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सचिवालय और इंडिया हाउस के दफ्तर होंगे। यह जगह विदेशी मेहमानों के साथ हाई-लेवल मीटिंग्स के लिए भी इस्तेमाल होगी।
राज्यपालों के सम्मेलन में हुई चर्चा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल राज्यपालों (Governors) के सम्मेलन में हुई चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि राज भवन नाम औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। इसलिए राज्यपालों और उप-राज्यपालों के कार्यालयों को अब लोक भवन और लोक निवास के नाम से जाना जाएगा।
कई नाम पहले बदले गए
इससे पहले भी कई नाम बदले गए थे- जैसे राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास रेस कोर्स रोड का नाम 2016 में लोक कल्याण मार्ग रखा गया।
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