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Madras HC: उदयनिधि से कोर्ट ने मांगी भाषण की कॉपी, सनातन पर दिया था विवादित बयान

Madras HC: मद्रास हाई कोर्ट ने बुधवार, 08 नवंबर को तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन से उस शोध का विवरण देने को कहा, जिस पर सनातन धर्म के सिद्धांतों को खत्म करने के लिए उन्होंने विवादास्पद भाषण दिया था। न्यायमूर्ति अनिता सुमंत ने स्टालिन, जो मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं। उनसे पूछा कि सनातन धर्म के बारे में उनकी समझ का आधार क्या था और वर्णाश्रम धर्म को सनातन धर्म के साथ बराबर करने के लिए उन्होंने क्या शोध किया था।

Madras HC: शोध की एक कॉपी करे जमा

न्यायालय ने उदयनिधि स्टालिन को अपने भाषण के पाठ की एक टाइप की हुई प्रति जमा करने का भी निर्देश दिया। बता दें कि अदालत स्टालिन द्वारा उनके और राज्य मंत्री पीके शेखरबाबू और सांसद ए राजा के खिलाफ हिंदू मुन्नानी द्वारा उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

क्या था मामला जिसपर हो रही थी सुनवाई?

बता दें कि इसी साल 2 सितंबर को चेन्नई में तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि कुछ चीजों का न केवल विरोध किया जाना चाहिए बल्कि उन्हें खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था, “जैसे डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस को खत्म करने की जरूरत है, वैसे ही हमें सनातन को खत्म करना होगा।” इसके बाद दक्षिणपंथी संगठन हिंदू मुन्नानी के पदाधिकारियों ने स्टालिन की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष तीन रिट याचिकाएं दायर कीं। और इस बयान का पूरे देश में विरोध हुआ था।

ये भी पढ़ें- सनातन धर्म पर मैंने जो कहा उसमें कुछ भी गलत नहीं : उदयनिधि स्टालिन

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