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RG Kar Case की बरसी पर बंगाल में सियासी विस्फोट: नबन्ना मार्च में हंगामा, पुलिस-पार्टी आमने-सामने!

RG Kar Case : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के दर्दनाक मामले को आज पुरा एक साल हो चुका है. लेकिन इसका असर अभी भी पश्चिम बंगाल की सियासत में दिखाई देता है. पीड़िता के परिवार ने सीबीआई जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए एजेंसी को बंद करने की मांग की है, जबकि भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है. इसी मुद्दे पर शनिवार को नबन्ना मार्च निकाला गया, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत हो गई.


पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प

कोलकाता के पार्क स्ट्रीट क्रॉसिंग से भाजपा कार्यकर्ताओं ने सचिवालय की ओर मार्च शुरू किया. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी, लेकिन वे रानी रश्मोनी रोड पार कर विद्यासागर सेटु की तरफ बढ़ने लगे. इसी बीच धक्का-मुक्की होने लगी. जिसके बाद हालात बिगड़ने लगे. जिसको देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे कई लोग घायल हो गए. घायल होने वालों में एक पीड़िता की मां भी शामिल हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना उकसावे के उन्हें धक्का दिया और उनकी चूड़ियां भी डाली.


विपक्ष का आरोप और धरना

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी, बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल और कई विधायक मौके पर धरने पर बैठ गए. सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि पुलिस कार्रवाई में 100 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें पीड़िता के माता-पिता भी हैं. अग्निमित्रा पॉल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह डर गई हैं और पुलिस उनके इशारे पर काम कर रही है.


सीबीआई जांच पर सवाल

पीड़िता के माता-पिता ने दिल्ली में सीबीआई निदेशक से मुलाकात कर नाराजगी जताई. उनका कहना है कि सीबीआई अब केस से हटना चाहती है. पीड़िता के पिता ने कहा, “अगर केस छोड़ना है तो कोर्ट में जाकर कहिए, मुझे क्यों बता रहे हैं?” पीड़िता की मां ने संस्था को विफल बताते हुए कहा कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद उन्होंने एक साल बर्बाद किया. यह मामला अब फिर से बंगाल की राजनीति का केंद्र बन गया है, जहां न्याय की मांग और सियासी आरोप-प्रत्यारोप एक साथ चल रहे हैं.


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