
मुख्य बिंदु एक नजर में:
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस्तीफा स्वीकार किया
- अनुच्छेद 67(ए) के तहत पद से हटे
- प्रधानमंत्री मोदी और मंत्रिपरिषद का जताया आभार
- भारत के उज्ज्वल भविष्य पर जताया भरोसा
Jagdeep Dhankhar : भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर पूरे देश को चौंका दिया है. वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है और आगे की प्रक्रिया के लिए इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है. धनखड़ ने 21 जुलाई की देर शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखा और अपने पद से हटने की इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहते हैं और डॉक्टरों की सलाह का पालन करना अब उनकी प्राथमिकता होगी.
संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत दिया इस्तीफा
दरअसल जगदीप धनखड़ ने अपने त्यागपत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का उल्लेख किया है, जिसके तहत वह स्वेच्छा से उपराष्ट्रपति पद से आजाद हो गए हैं. उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू का आभार जताते हुए कहा..
“आपके साथ कार्य करना मेरे लिए सम्मान की बात रही। आपका सहयोग हमेशा याद रहेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी और संसद का जताया धन्यवाद
जिसके बाद जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद और संसद के सभी माननीय सदस्यों का भी धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि सभी से मिला प्यार, समर्थन और विश्वास उनके लिए जीवनभर की यादगार रहेगा. उन्होंने अपने कार्यकाल को “भारत के लोकतंत्र की सेवा का गौरवपूर्ण अवसर” बताया.
भारत के उज्ज्वल भविष्य पर विश्वास
धनखड़ ने कहा कि उन्हें भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक उन्नति का साक्षी बनने का सौभाग्य मिला. उन्होंने लिखा, “यह परिवर्तनकारी युग भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है और मुझे इसमें योगदान देने का अवसर हासिल हुआ. यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण पलों मे से एक है”
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