
Health News: गोंद, जो विभिन्न आकार और रंगों में पेड़ों से प्राप्त होता है, सर्दियों में एक पौष्टिक आहार के रूप में बेहद लोकप्रिय है। यह प्राकृतिक रूप से राजस्थान जैसे क्षेत्रों के पेड़ों से इकट्ठा किया जाता है। इसकी तासीर गर्म होने के कारण सर्दियों में इसका सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है और जोड़ों की समस्याओं में राहत देता है। गोंद का पानी आंतों को ठंडक प्रदान करता है, जबकि गोंद के लड्डू और अन्य आयुर्वेदिक उत्पाद शरीर को पोषण और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
गोंद, पेड़ों के तनों या शाखाओं से निकलने वाला चिपचिपा पदार्थ होता है, जो सूखने पर ठोस रूप में बदल जाता है। यह पौधों की कोशिका भित्ति के सेल्यूलोज के अपघटन से बनता है और विभिन्न रंगों, जैसे सफेद, मटमैला और भूरा, में पाया जाता है। इसका उपयोग कागज चिपकाने, आयुर्वेदिक दवाएं बनाने, और भोजन में किया जाता है। गोंद के लड्डू सर्दियों में शरीर को गर्मी और ताकत देने के लिए आदर्श माने जाते हैं।
औषधीय गुणों से भरपूर
गोंद के कई प्रकार हैं, जैसे गोंद कतीरा, जो बबूल, कीकर और नीम के पेड़ों से प्राप्त होता है, और काला गोंद, जो दुर्लभ होने के कारण महंगा होता है। काला गोंद आबनूस के पेड़ से मिलता है और इसे औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। गोंद कतीरा का सेवन शरीर में गर्मी प्रदान करता है और यह आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोगी होता है।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, गोंद में मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। यह सर्दियों में शरीर को गर्म रखता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद बेहद फायदेमंद है, क्योंकि यह रीढ़ की हड्डियों को मजबूत करता है और ब्रेस्ट मिल्क की मात्रा बढ़ाने में सहायक है।
गोंद न केवल एक औषधीय तत्व है, बल्कि इसे सर्दियों के आहार में शामिल कर शरीर को ताकत और ऊर्जा से भरपूर बनाया जा सकता है।
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