धर्म

जानिए… कब है हरतालिका तीज, कैसे करें पूजन

Hartalika Teej : हिंदू मान्यता के अनुसार हिंदुओं का एक पवित्र त्योहार आने वाला है. यह त्योहार है हरतालिका तीज. इस त्योहार को लेकर लोगों में संशय है कि आखिर यह त्योहार पांच सितंबर को है या छह सितंबर को. हम आपको इस त्योहार की सही तिथि बताएंगे. साथ में बताएंगे कि पूजा में क्या-क्या सामग्री प्रयोग करें.

महिलाएं रखतीं हैं निर्जला व्रत

वैसे तो सालभर हिंदुओं के कई त्योहार आते हैं. लेकिन हरतालिका तीज का हिन्दू मान्यता के अनुसार अपना विशेष महत्व है. इस त्योहार पर सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए और कुंवारी कन्याएं मन चाहे वर के लिए निर्जल व्रत रखती हैं.

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

इस त्योहार पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. भक्त पूरी आस्था से शिव-पार्वती का पूजन करते हैं. मान्यता है कि इस पर्व को मनाने से मानसिक शांति और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दिन गुरुवार को दोपहर 12:21 बजे से प्रारंभ होगी. यह तिथि शुक्रवार, छह सितंबर को दोपहर 3:01 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार यह त्योहार छह सितंबर को मनाया जाएगा.

कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर के लिए करती हैं उपासना

इस त्योहार पर सुहागिन अपने पति की दीर्घायु और निरोगी काया के लिए व्रत रखेंगी. वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर के लिए. व्रतियों के लिए 2 घंटे 31 मिनट तक पूजन का शुभ मुहूर्त होगा. इस त्योहार के लिए महिलाएं और कन्याएं विशेष रूप से सजती हैं. हाथों में मेहंदी लगाती हैं. हरतालिका तीज की कहानी सुनती सुनाती हैं.

पूजन सामग्री

इस त्योहार पर पूजन के लिए मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाता है. पूजन के लिए कलावा, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), फूल(मोगरा, धतूरा, पारिजात आदि स्वेत पुष्प), चंदन, घी का दीपक, धूपबत्ती, माता पार्वती को अर्पित करने के लिए श्रृंगार का सामान, मिष्ठान आदि सामान एकत्रित करें.

विधिविधान से करें पूजन

विधविधान से शिव-पार्वती जी का पूजन करें. उनकी चौकी स्थापित करें. पहले जल हो सके तो गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराने के पश्चात पंचामृत से अभिषेक करें. इसके बाद पुःन जल या गंगाजल से अभिषेक करें. चंदन अर्पित कर धूप जलाएं. देशी घी के दीपक से आरती उतारें. माता पार्वती को सिंदूर और श्रृंगार का सामान अर्पित करें. मंत्र जाप: ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ पार्वती नमः’ आदि मंत्रों का जाप करें. हरतालिका तीज की कहानी कहें. भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारें. उन्हें मिष्ठान और अन्य पकवान का भोग लगाएं.  

क्या है मान्यता

इस त्योहार को मनाने के पीछे मान्यता है कि माता पार्वती ने अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध भगवान शिव को पति के रूप में पाने की कामना की थी. उन्होंने अपनी सखियों के साथ मिलकर गुप्त रूप से शिवलिंग की स्थापना की और इसका पूजन भी किया. इसी के बाद से यह त्योहार मनाया जाने लगा. सुहागिन महिलाओं के लिए यह त्योहार सुख-समृद्धि का भी प्रतीक है.

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