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गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत पर पंजाब विधानसभा सत्र: श्रद्धा, परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम

Guru Tegh Bahadur Punjab Session : गुरु तेग बहादुर जी, जिन्हें पूरी दुनिया “हिंद की चादर” के नाम से जानती है, उनकी 350वीं पावन शहादत को समर्पित अस्थायी पंजाब विधानसभा का निर्माण तेज़ी से जारी है. विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने बताया कि यह ऐतिहासिक निर्माण कार्य 20 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह सत्र पंजाब सरकार की एक अनोखी पहल है, जो गुरु साहिब के बलिदान और उनके संदेश को पूरी दुनिया तक पहुँचाने का एक पवित्र प्रयास है.


गुरु तेग बहादुर जी की अमर शहादत की याद

स्पीकर संधवा ने बताया कि दिल्ली में शहादत के बाद भाई जैता जी ने गुरु जी का पावन शीश कीरतपुर साहिब के गुरुद्वारा बीबानगढ़ साहिब तक पहुँचाया था. इसके बाद माता गुजरी जी और बाल गोबिंद राय जी के साथ इसे श्री आनंदपुर साहिब में लाकर अंतिम संस्कार किया गया था. आज यह स्थान गुरुद्वारा सीस गंज साहिब के नाम से प्रसिद्ध है, जहाँ इस बार विधानसभा सत्र का शुभारंभ होगा.


नगर कीर्तन से होगी शुरुआत

कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने जानकारी दी कि 24 नवंबर को गुरुद्वारा बीबानगढ़ साहिब (कीरतपुर साहिब) से एक विशाल नगर कीर्तन की शुरुआत होगी. उन्होंने बताया कि सभी मंत्री और विधायक रास्ते में अलग-अलग स्थानों पर संगत के साथ इस नगर कीर्तन का स्वागत करेंगे. जब नगर कीर्तन गुरुद्वारा सीस गंज साहिब पहुँचेगा, तब विधानसभा सत्र की औपचारिक शुरुआत की जाएगी.


विशेष इंतज़ाम और श्रद्धा का माहौल

कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि सभी मंत्रियों और विधायकों के ठहरने की व्यवस्था भाई सती दास पंडाल में की गई है ताकि वे अपने परिवारों के साथ श्रद्धापूर्वक कार्यक्रमों में भाग ले सकें. वहीं जो विधायक सीधे सत्र में शामिल होना चाहेंगे, उनके लिए विशेष यातायात की व्यवस्था की जा रही है ताकि किसी को कोई असुविधा न हो.


ड्रोन शो बनेगा आकर्षण का केंद्र

पर्यटन विभाग के सलाहकार दीपक बाली ने बताया कि विधानसभा सत्र के बाद एक शानदार ड्रोन शो आयोजित किया जाएगा, जो गुरु साहिब की शहादत को समर्पित होगा. यह शो श्रद्धालुओं के लिए एक अनोखा अनुभव होगा और पंजाब के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ देगा.

यह आयोजन न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि पंजाब सरकार की उस भावना को भी दर्शाता है जिसमें परंपरा, आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम नज़र आता है. इस ऐतिहासिक सत्र से पंजाब एक बार फिर गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान और मानवता के संदेश को याद करेगा और दुनिया को दिखाएगा कि असली धर्म है “सच्चाई और सबकी भलाई”.

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