
आज 8 नवंबर को गुरू नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। गुरू नानक देव जी सिखों के पहले गुरू थे। गुरू नानक देव जी ने ही सिख पंथ समुदाय की नींव रखी थी इसलिए ही सिख समुदायों के लिए आज का दिन बेहद ही खास होता है।
सिखों के प्रथम गुरू नानक देव जी ने अपना जीवन को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया था, उन्होनें समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए अपने पारिवारिक जीवन और सुखों का भी त्याग कर दिया था। वे दूर-दूर तक यात्रा करते हुए लोगों के मन में बसी बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने का काम करते थे और लोगों के जीवन के अंधकार को दूर करके प्रकाशमय बनाते थे। यही वजह है कि नानक देव के अनुयायी उन्हें अपने जीवन का भगवान और मसीहा मानते हैं और उनके जन्मदिन को प्रकाश पर्व के रूप में सेलिब्रेट करते हैं।
हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रकाश पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। देशभर के गुरुद्वारों में कई दिन पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं। फूलों और लाइटिंग से गुरुद्वारों को सजाया जाता है। सुबह के समय ‘वाहे गुरु, वाहे गुरु’ जपते हुए प्रभात फेरी निकाली जाती है। इसके बाद गुरुद्वारों में शबद कीर्तन किया जाता है और लोग रुमाला चढ़ाते हैं. इस दिन सिख समुदाय के लोग दान-पुण्य आदि मानव सेवा के कार्य करते हैं। गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं, गुरुवाणी का पाठ करते हैं और कीर्तन करते हैं। चारों ओर दीप जला कर रोशनी की जाती है और शाम के समय लंगर का आयोजन होता है।

वहीं इस प्रकाश पर्व पर सीएम योगी ने भी बधाइंया दी और कहा कि सिख गुरुओं का अपना एक गौरवशाली इतिहास है। आज हम सिख गुरुओं का स्मरण करते हैं उनसे हमें प्रेरणा प्राप्त होनी चाहिए। हम उनका स्मरण इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका जीवन देश और धर्म के लिए पूरी तरह समर्पित था।