
Delhi : अदालत का कहना है कि स्थायी गुजारा भत्ता की राशि इस तरह से तय की जानी चाहिए कि पति को दंडित न किया जाए, बल्कि पत्नी के लिए एक सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित हो।
अतुल सुभाष की आत्महत्या पर चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुजारा भत्ता राशि तय करने के लिए 8 सूत्रीय फॉर्मूला तय किया है। आरोप है कि सुभाष ने अपनी पत्नी व ससुराल वालों से पैसों के लिए परेशान होकर आत्महत्या की।
24 पन्नों का एक सुसाइड नोट
आत्महत्या करने से पहले अतुल ने 80 मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार पर जबरन वसूली और उत्पीड़न का आरोप लगाया। अतुल सुभाष ने न्याय प्रणाली की आलोचना करते हुए 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी लिखा।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और प्रसन्ना बी वराले की शीर्ष अदालत की पीठ ने हिंदू दंपत्ति से जुड़े तलाक के मामले में अंतिम गुजारा भत्ता राशि तय करने के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए।
दुर्व्यवहार का आरोप
अपीलकर्ता पति और प्रतिवादी पत्नी 6 साल तक विवाहित रहे और करीब दो दशक तक अलग-अलग रहे। पति ने दावा किया कि पत्नी बहुत संवेदनशील थी और अपने परिवार से दूर रहती थी, जबकि पत्नी ने पति पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।
शीर्ष अदालत द्वारा सूचीबद्ध आठ कारक यहां दिए गए हैं जिन्हें गुजारा भत्ता पर निर्णय लेते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए।
• पक्षों की सामाजिक और वित्तीय स्थिति।
• पत्नी एवं आश्रित बच्चों की उचित आवश्यकताएं।
• पक्षों की व्यक्तिगत योग्यताएं और रोजगार की स्थिति।
• आवेदक के स्वामित्व वाली स्वतंत्र आय या संपत्ति।
• वैवाहिक घर में पत्नी द्वारा भोगा जाने वाला जीवन स्तर।
• पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए नौकरी का त्याग।
• गैर-कामकाजी पत्नी के लिए उचित मुकदमेबाजी लागत।
• पति की वित्तीय क्षमता, उसकी आय, भरण-पोषण दायित्व और देयताएं।
सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित हो
वही शीर्ष अदालत ने सभी अदालतों को स्थायी गुजारा भत्ता राशि तय करने के लिए दिशा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी, शीर्ष अदालत ने कहा कि उपर्युक्त कारक कोई सख्त फॉर्मूला नहीं बनाते हैं, बल्कि स्थायी गुजारा भत्ता तय करते समय दिशा निर्देश के रूप में कार्य करते हैं। अदालत ने कहा कि स्थायी गुजारा भत्ता की राशि इस तरह से तय की जानी चाहिए कि पति को दंडित नहीं किया जाए, बल्कि पत्नी के लिए एक सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित हो।
अतुल के भाई विकास कुमार की शिकायत के आधार पर मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया सहित 4 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता बीएनएस की धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाना और 3(5) (जब एक आपराधिक कृत्य एक सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया जाता है) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एफआईआर दर्ज की गई
निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर जांच के लिए पेश होने के लिअ कह सकती है।
एफआईआर के मुताबिक, आरोपियों ने अतुल के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए और मामले को निपटाने के लिए तीन करोड़ रुपये की मांग की। एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि निकिता अतुल को उनके बेटे से मिलने देने के लिए तीस लाख रुपये की मांग कर रही थी।
अन्य लोगों को भी भेजा
पुलिस ने कहा कि अतुल सुभाष वैवाहिक समस्याओं का सामना कर रहा था क्योंकि उसकी पत्नी ने उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए थे, जिसके बारे में उसने अपने इस कदम से ठीक पहले बनाए गए वीडियो में बताया था। आत्महत्या से पहले उन्होंने यह नोट एक एनजीओ के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया था, जिसका वह हिस्सा थे। उन्होंने इसे ईमेल के ज़रिए कई अन्य लोगों को भी भेजा था।
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